Thursday, March 23, 2023

राहुल गांधी की आकस्मिक श्री हरमंदिर साहिब की फेरी के मायने

अमरीक
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राहुल गांधी की भारत जोड़ो पैदल यात्रा 10 जनवरी को पंजाब पहुंच गई। लेकिन इसमें हुआ भारी बदलाव सबको हैरान कर गया। मीडिया को जो राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा का कार्यक्रम जारी किया गया था उसमें कहीं जिक्र नहीं था कि सबसे पहले राहुल गांधी अमृतसर स्थित श्री हरमंदिर साहिब में मत्था टेकने जाएंगे लेकिन आज अचानक वह दोपहर को इस सर्वोच्च सिख धार्मिक स्थल गए। उन्होंने केसरिया रंग की पगड़ी पहनी हुई थी और वहां जाकर उन्होंने मत्था टेका और रूहानी कीर्तन सुना। श्री अकाल तख्त साहिब के मुख्य द्वार पर वह बाहर से ही नतमस्तक हुए। इसे कांग्रेसी शुभ शगुन के तौर पर मान रहे हैं। श्री स्वर्ण मंदिर परिसर में राहुल गांधी के साथ कोई भी हथियारबंद सुरक्षाकर्मी नहीं था। राज्य पुलिस को भी बाद में उनके इस आकस्मिक कार्यक्रम का पता चला। 

यह खबर चंद मिनटों में समूचे पंजाब में फैल गई कि राहुल गांधी सूबे में बाकायदा भारत जोड़ो पैदल यात्रा शुरू करने से पहले अमृतसर श्री स्वर्ण मंदिर साहिब गए हैं। खबर फैलते ही श्री स्वर्ण मंदिर परिसर और बाहर गलियारे में भारी तादाद में लोग इकट्ठा होना शुरू हो गए। राहुल गांधी ने हाथ जोड़कर सबको ‘सत् श्री अकाल’ किया। हासिल जानकारी के मुताबिक श्री स्वर्ण मंदिर साहिब के बाद उनका कार्यक्रम श्री दुर्गियाना मंदिर और शहीद स्मारक जलियांवाला बाग जाने का था लेकिन उसे उन्होंने मुअत्तल कर दिया।

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भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक बगैर तय कार्यक्रम के वह अमृतसर पहुंचे थे और वहां भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी, इसलिए सुरक्षा कारणों की वजह से वह श्री स्वर्ण मंदिर साहिब से ही वापस लौट आए। उनकी भारत जोड़ो पंजाब यात्रा अब विधिवत रूप से 11 जनवरी को शुरू होगी। बता दें कि इससे पहले भी राहुल गांधी जितनी बार भी श्री स्वर्ण मंदिर साहब गए हैं, अचानक ही बने कार्यक्रम के तहत गए। एक बार तो करीब दो घंटे श्री स्वर्ण मंदिर परिसर में रहे थे और जब वह लंगर के लिए हॉल में पहुंचे तो एक निजी टेलीविजन चैनल वहां की लाइव दर्शकों को दिखा रहा था और चैनल के संचालकों को भी बाद में भनक लगी कि राहुल गांधी श्री स्वर्ण मंदिर परिसर में मौजूद हैं। 

तब उनके इर्द-गर्द अब से भी कहीं ज्यादा सख्त सुरक्षा घेरा रहता था लेकिन एक भी सुरक्षाकर्मी को वह साथ लेकर श्री स्वर्ण मंदिर परिसर में नहीं गए और पूरी तरह मर्यादा का पालन किया। उस वक्त भी तत्कालीन सरकार को बाद में खबर मिली थी कि राहुल गांधी अचानक अमृतसर आए और चले गए। गौरतलब है कि एक दौर था जब राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी से आम सिख नफरत करते थे और एजेंसियों को डर रहता था कि बचे हुए सिख आतंकवादी राहुल गांधी को कहीं न कहीं निशाना बना सकते हैं। लेकिन राहुल गांधी की सीधी एप्रोच यही रही है कि वह रूहानी शांति के लिए इस पवित्रतम स्थान पर आते हैं और बगैर किसी खौफ के। पंजाब के कुछ कांग्रेसी नेताओं को उन्होंने कहा भी था कि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर सिख बहुत अच्छे लगते हैं और वह इसे एक ‘मार्शल कौम’ मानते हैं।                         

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राहुल गांधी की श्री स्वर्ण मंदिर यात्रा पर प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई हैं। पंजाबी में ज्यादातर लोगों ने सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के इस कदम का स्वागत किया है कि उन्होंने पंजाब यात्रा शुरू करने से पहले श्री हरमंदिर साहिब में मत्था टेका। इक्का-दुक्का आलोचनाएं भी हो रही हैं। प्रतिक्रियाओं का सिलसिला सुदूर विदेशों से भी शुरू हो गया है। वहां से पॉजिटिव टिप्पणियां राहुल गांधी की अमृतसर यात्रा की बाबत लिखी जा रही हैं।                       

जबकि विपक्ष राहुल गांधी की अमृतसर यात्रा की आलोचना कर रहा है। इस बाबत पहला बयान पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल का आया है। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार के हाथ सिखों के खून से रंगे हुए हैं और वह कितनी भी फेरियां लगा लें, आम सिख हरगिज उन्हें माफ नहीं करेंगे। जवाब में पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के नेता और पूर्व सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि श्री स्वर्ण मंदिर किसी की बपौती नहीं और राहुल गांधी उसमें श्रद्धा रखते हैं।

आलोचना की बजाए उनका अभिनंदन किया जाना चाहिए। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के एक वरिष्ठ सदस्य ने फोन पर इस पत्रकार को बताया कि पहले एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) श्री स्वर्ण मंदिर साहिब में राहुल गांधी का पूरे मान सत्कार के साथ स्वागत करना चाहती थी लेकिन अचानक ‘किसी’ के निर्देश ने इसे रोक दिया। खैर, अमृतसर स्थित श्री हरमंदिर साहिब की राहुल गांधी की आकस्मिक यात्रा का फायदा कांग्रेस को अनिवार्य तौर पर मिलेगा। अलबत्ता विपक्ष यह कहकर भी उन्हें घेर सकता है कि वह दुर्गियाना मंदिर और जलियांवाला बाग नहीं गए।

(पंजाब से वरिष्ठ पत्रकार अमरीक सिंह की रिपोर्ट।)

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