मोदी-शाह के ख़िलाफ़ लिखने पर दैनिक भास्कर के कई कार्यालयों पर एक साथ आयकर की छापेमारी

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नई दिल्ली। दैनिक भास्कर समूह के कई कार्यालयों में आयकर विभाग ने छापेमारी की है। दैनिक भास्कर के मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली दफ़्तरों में छापेमारी की गयी है। रात की शिफ़्ट में काम करने वालों को भी कई जगहों पर दफ़्तर में ही रोक कर रखे जाने की ख़बर है।

इस बीच खबर आ रही है कि लखनऊ स्थित गोमती नगर के विपुल खंड में भारत समाचार चैनल के एडिटर इन चीफ बृजेश मिश्रा के आवास पर इनकम टैक्स की टीमों ने छापेमारी की है। बृजेश मिश्रा लगातार अपने चैनल पर तेवरदार पत्रकारिता कर रहे थे। इसलिए वो भी मोदी सरकार के निशाने पर आ गए हैं।

 गौरतलब है कि मुख्यधारा के हिंदी भाषी अख़बारों में दैनिक भास्कर ने कोरोनाकाल में सरकार की नाकामियों का  पर्दाफाश करते हुये ख़बरों और रिपोर्टों को प्रकाशित किया था। गंगा के घाटों पर लाशों को दफ़नाने से लेकर अस्पतालों में  ऑक्सीजन की कमी से मरीजों के मरने की ख़बरें दैनिक भास्कर में प्रमुखता से छपी थीं। इसके बाद से ही ये अख़बार समूह सरकार के निशाने पर आ गया। 

दैनिक भास्कर के तमाम राज्यों के मुख्य दफ़्तरों में छापेमारी की तमाम राजनीतिक दलों ने कड़ी निंदा की है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार को रेडजीवी बताते हुये कहा है कि- “रेड जीवी जी, प्रेस की आज़ादी पर कायरतापूर्ण हमला! दैनिक भास्कर के भोपाल, जयपुर और अहमदाबाद कार्यालय पर अब इनकम टैक्स के छापे। लोकतंत्र की आवाज़ को “रेडराज” से नही दबा पाएँगे”।

उन्होंने आगे कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की सच्चाई और नाकामियाँ दिखाने के लिए दैनिक भास्कर अखबार के कई ठिकाने पर इनकम टैक्स छापेमारी कर रहा है। सत्ता शीर्ष पर बैठे तानाशाह अंदर से बहुत डरपोक हैं। वो सच से बहुत डरते हैं। दैनिक भास्कर के ख़िलाफ़ प्रतिशोधात्मक कारवाई की हम निंदा करते हैं।! 

पत्रकार रोहिणी सिंह ने कहा है कि “दैनिक भास्कर के सभी दफ़्तरों में आयकर विभाग के छापा, दर्जनों चैनलों को अपने इशारों पर नचाने वाले एक अख़बार का सच तक बर्दाश्त नहीं कर सके। कितने कमजोर, कायर और डरपोक लोग बैठे हैं सरकार में? आपातकाल घोषित क्यों नहीं कर देते? अब बचा ही क्या है?”

पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने कहा है कि ” बच्चा-बच्चा जानता था दैनिक भास्कर पर रेड होगी, बच्चा बच्चा अब सरकार की कार्यशैली समझता है। पर आज वक्त है दैनिक भास्कर के साथ खड़े होने का, आज और अभी मैं दैनिक भास्कर के E-अख़बार का 12 महीने का सब्स्क्रिप्शन ले रहा हूँ।” अब जो सच लिखेगा, वही बिकेगा।” 

पत्रकार अभिसार शर्मा ने कहा है कि “अब दैनिक भास्कर ऐसी और पेगासस पर बेबाकी से खबरें करेगा तो क्या मिलेगा ? इनके मालिक को राज्य सभा सीट और 100 करोड़ की सरकारी मदद तो मिलेगी नहीं ?

पत्रकार नवीन कुमार ने लिखा है – “दैनिक भास्कर समूह के कई ठिकानों पर टैक्स एजेंसियों के छापे की खबर आ रही है। कोरोना के दौरान मोदी सरकार की विफलताओं को इस अखबार ने जिस तरह से उधेड़ा था उसके बाद सब इंतजार कर रहे थे कि सरकार कब कार्रवाई करती है। उसने निराश नहीं किया। शववाहिनी गंगा, बाकी सब चंगा।”

वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने प्रतिक्रिया देते हुये लिखा है -” हिन्दी के बड़े अखबारी समूह-दैनिक भास्कर के दफ्तरों और समूह के कुछ प्रमुख लोगों के घरों पर सरकारी एजेंसियों की छापेमारी की ख़बर आ रही है। खबरों के मुताबिक देश के कई शहरों में ऐसी छापेमारी हो रही है। पिछले काफी समय से यह अखबारी समूह सच लिखने से नहीं डर रहा था!

अल्का लाम्बा ने लिखा है -” सुना है रंगा-बिल्ला ने दैनिक भास्कर के भोपाल, जयपुर और अहमदाबाद कार्यालय पर आयकर विभाग के छापे पड़वा दिए हैं।”

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