नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उन्नाव गैंगरेप पीड़िता द्वारा लिखे गए पत्र का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा है कि उस पत्र के बारे में उनको कोई जानकारी नहीं है। और वह पत्र अभी तक उनके पास नहीं पहुंचा है।
चीफ जस्टिस ने इस पत्र पर जिसके 12 जुलाई को लिखे होने की बात कही जा रही है, एक रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि दुर्घटना होने के बाद यह पत्र और प्रासंगिक हो गया है। जस्टिस गोगोई ने मामले की कल सुनवाई करने के लिए कहा है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि इस पत्र के बारे में उन्हें कल जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि “आज सुबह मैंने पेपर में पढ़ा कि उन्नाव की पड़िता ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखा है। पत्र के बारे में मुझे कल सूचना दी गयी थी।
मैंने अभी तक पत्र को नहीं देखा है। इसे अभी मेरे सामने पेश किया जाना बाकी है।”
कोर्ट का यह जवाब वरिष्ठ वकील वी गिरी द्वारा मामले को अर्जेंसी के आधार पर पाक्सो के तहत सुने जाने की अपील की सुनवाई के बाद आया है। गिरी का कहना था कि इससे जुड़े एक मामले में गंभीर प्रगति हुई है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने कहा कि इस बेहद विध्वंसक और विस्फोटक माहौल में जब यह घटना घटी है उसके बीच हम कुछ सकारात्मक करने का प्रयास करें।
इस बीच, उन्नाव गैंग रेप पीड़िता के पक्ष में और पूरे मामले में सरकार द्वारा अपनाए जा रहे निर्दयतापूर्ण व्यवहार के खिलाफ कुछ और जगहों पर प्रदर्शन हुए हैं। लखनऊ में हुए इसी तरह के एक कार्यक्रम में ढेर सारे संगठनों के लोगों ने भाग लिया। इस मौके पर मौजूद प्रतिनिधियों ने सरकार के गैर जिम्मेदाराना और जनविरोधी रवैये की जमकर आलोचना की।