Saturday, April 20, 2024

रवीश को मिला मैगसेसे अवार्ड

नई दिल्ली। पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखने वाले रवीश कुमार को एशिया के नोबल पुरस्कार मैगसेसे से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें 2019 के लिए दिया गया है। रवीश इस समय एनडीटीवी में मैनेजिंग एडिटर के पद पर कार्यरत हैं। रवीश कुमार को ये सम्मान हिंदी टीवी पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए मिला है। बता दें कि रैमन मैगसेसे पुरस्कार एशिया के व्यक्तियों और संस्थाओं को उनके अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिए प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार फिलीपीन्स के भूतपूर्व राष्ट्रपति रैमन मैगसेसे की याद में दिया जाता है।

पुरस्कार संस्था ने ट्वीट कर बताया कि रवीश कुमार को यह सम्मान “बेआवाजों की आवाज बनने के लिए दिया गया है।” रैमन मैगसेसे अवार्ड फाउंडेशन ने इस संबंध में कहा, “रवीश कुमार का समाचार कार्यक्रम ‘प्राइम टाइम’ आम लोगों की वास्तविक जीवन से जुड़ी समस्याओं से संबंधित है।” अवॉर्ड संस्था ने कहा, “यदि आप लोगों की आवाज बन गए हैं, तो आप एक पत्रकार हैं।”

सम्मान पत्र में रवीश कुमार को गंभीर, तीक्ष्ण बुद्धि और गहरी जानकारी रखने वाला एंकर बताया गया है। साथ ही उन्हें प्रोफेशनल, मूल्य आधारित, संतुलित और तत्थों पर आधारित रिपोर्टिंग करने वाला करार दिया गया है।

सम्मान पत्र में कहा गया है कि रवीश को पुरस्कार को 2019 के रमन मैगेसेसे पुरस्कार के चयन के लिए बोर्ड आफ ट्रस्टी उनकी अडिग प्रोफेशनल प्रतिबद्धता, उच्च मानकों वाली नैतिक पत्रकारिता, सत्य के लिए खड़े होने का उनका नैतिक साहस, ईमानदारी और स्वतंत्रता और इस बात की सैद्धांतिक समझ कि वह बेआवाजों की सम्मानीय आवाज बन रहे हैं, साहस के साथ सच बोलने के साथ ही सत्ता के सामने विनम्रता, जिसे पत्रकारिता अपने महान लक्ष्य लोकतंत्र को आगे बढ़ाने के लिए पूरा करती है, को चिन्हित करता है।   

बता दें कि रवीश कुमार ने एनडीटीवी में चिट्ठी छांटने से काम शुरू किया था। बाद में रवीश की रिपोर्ट से उन्हें नई पहचान मिली और उस खास रिपोर्ट के जरिए वो आम लोगों की आवाज बने। पत्रकारिता के क्षेत्र में रवीश दिनों-दिन नए आयाम छूते गए।

रवीश कुमार के अलावा वर्ष 2019 रैमॉन मैगसेसे अवार्ड के चार अन्य विजेताओं में म्यांमार से को स्वे विन, थाईलैंड से अंगखाना नीलापजीत, फिलीपींस से रेमुंडो पुजांते कैयाब और दक्षिण कोरिया से किम जोंग हैं।

रवीश कुमार जो 1996 से एडीटीवी में हैं उन्हें कई बार सीधा-सपाट और सच बोलने के लिए धमकियां मिली हैं।

बिहार के मोतिहारी में पैदा हुए रवीश कुमार ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है।

(कुछ इनपुट एनडीटीवी से लिए गए हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट: रोजी-रोटी, भूख, सड़क और बिजली-पानी राजनांदगांव के अहम मुद्दे, भूपेश बघेल पड़ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी पर भारी

राजनांदगांव की लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और वर्तमान सांसद संतोष पांडेय के बीच मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। मतदाता सड़क, पानी, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं, जबकि युवा बेरोजगारी और रोजगार वादों की असफलता से नाराज हैं। ग्रामीण विकासपरक कार्यों के अभाव पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।

Related Articles

अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट: रोजी-रोटी, भूख, सड़क और बिजली-पानी राजनांदगांव के अहम मुद्दे, भूपेश बघेल पड़ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी पर भारी

राजनांदगांव की लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और वर्तमान सांसद संतोष पांडेय के बीच मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। मतदाता सड़क, पानी, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं, जबकि युवा बेरोजगारी और रोजगार वादों की असफलता से नाराज हैं। ग्रामीण विकासपरक कार्यों के अभाव पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।