Friday, April 19, 2024

कांग्रेस नेता शिवकुमार की गिरफ्तारी के खिलाफ कर्नाटक में फूटा लोगों का गुस्सा, जगह-जगह प्रदर्शन

नई दिल्ली। कर्नाटक कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की गिरफ्तारी के खिलाफ सूबे में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। कांग्रेस द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान आज जगह-जगह सड़कें जाम कर दी गयीं हैं। कार्यकर्ता कई जगहों पर प्रदर्शन किए हैं। खास बात यह है कि इन सभी प्रदर्शनों की अगुआई कांग्रेस के बड़े नेता कर रहे हैं। बताया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया भी इन प्रदर्शनों में शामिल हुए हैं।

डीके शिवकुमार के गृह जिले रमनगारा में प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सारे स्कूलों को पहले ही बंद कर दिया था। बावजूद इसके वहां जमकर हिंसा हुई है। यहां एक बस को गुस्साए कार्यकर्ताओं ने आग के हवाले कर दिया। सड़कों पर जगह-जगह टायरों के जलाए जाने की घटनाएं सामने आयी हैं। इसके अलावा पत्थरबाजी की भी घटनाएं देखने को मिली हैं।

कांग्रेस के संकटमोचक शिवकुमार को कल शाम ही ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। उसके पहले उनसे लगातार पांच दिनों तक पूछताछ चलती रही। गिरफ्तारी के बाद जब उन्हें दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया तो उनकी तबियत अचानक खराब हो गयी जिससे उन्हें रात को वहीं रोकना पड़ा। ईडी ने उसकी गिरफ्तारी मनी लांडरिंग के कई मामलों को लेकर की है। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि यह सब कुछ राजनीतिक बदले की कार्रवाई के तहत किया जा रहा है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जन खड़गे ने आज कहा कि शिवकुमार की गिरफ्तारी उन्हें और पार्टी कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित करने के मकसद से की गयी है। एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि “नियम के मुताबिक इनकम टैक्स और ईडी विभाग ने जब भी उन्हें बुलाया उन्होंने उसका पालन किया। वह सहयोग कर रहे हैं। क्या वह भाग जा रहे हैं? यह केवल उन्हें परेशान करने और मानसिक तौर पर उत्पीड़ित करने के लिए किया जा रहा है। मैं इसकी निंदा करता हूं।”

बेंगलुरु में भी सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया है। कांग्रेस विधायक रामलिंगा रेड्डी ने समर्थकों औऱ कार्यकर्ताओं से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से बचने की सलाह दी है। इस बीच, आज दिल्ली में भी कांग्रेस पार्टी शिवकुमार की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रही है।

कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि आर्थिक मंदी और वित्तीय संकट की नाकामी को छुपाने के लिए सरकार निर्लज्जता पूर्ण तरीके से अपने विरोधियों का उत्पीड़न कर रही है। यह पूरी तरह से राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। और इसकी भरपूर निंदा की जानी चाहिए। एनडीटीवी के मुताबिक कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा ने कहा है कि कानून अपना काम करेगा। साथ ही उनका कहना था कि शिवकुमार की गिरफ्तारी से उन्हें भी कोई खुशी नहीं है।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं

महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।

केरल में ईवीएम के मॉक ड्रिल के दौरान बीजेपी को अतिरिक्त वोट की मछली चुनाव आयोग के गले में फंसी 

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग को केरल के कासरगोड में मॉक ड्रिल दौरान ईवीएम में खराबी के चलते भाजपा को गलत तरीके से मिले वोटों की जांच के निर्देश दिए हैं। मामले को प्रशांत भूषण ने उठाया, जिसपर कोर्ट ने विस्तार से सुनवाई की और भविष्य में ईवीएम के साथ किसी भी छेड़छाड़ को रोकने हेतु कदमों की जानकारी मांगी।

Related Articles

शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं

महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।

केरल में ईवीएम के मॉक ड्रिल के दौरान बीजेपी को अतिरिक्त वोट की मछली चुनाव आयोग के गले में फंसी 

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग को केरल के कासरगोड में मॉक ड्रिल दौरान ईवीएम में खराबी के चलते भाजपा को गलत तरीके से मिले वोटों की जांच के निर्देश दिए हैं। मामले को प्रशांत भूषण ने उठाया, जिसपर कोर्ट ने विस्तार से सुनवाई की और भविष्य में ईवीएम के साथ किसी भी छेड़छाड़ को रोकने हेतु कदमों की जानकारी मांगी।