गुजरात के चर्चित बिल्किस बानो गैंग रेप केस मामले में गुजरात सरकार के उस फैसले को बड़ा झटका लगा है जिसके तहत उसने मामले के 11 दोषियों को समय से पहले ही रिहा कर दिया था। मामले की जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट स्पेशल बेंच गठित करने के लिए तैयार हो गया है। बता दें कि पीड़िता बिल्किस बानो ने गुजरात सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई के खिलाफ एक याचिका दायर की थी।
साल 2002 में गोधरा कांड के दौरान बिल्किस बानो के साथ गैंग रेप और उसके परिवार के लोगों की हत्या के दोषियों को साल 2022 में समय से पहले ही 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था। गुजरात सरकार ने उन्हें माफी नीति के तहत रिहा किया था। सभी आरोपी 15 साल जेल में सजा काट चुके थे।
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने अपनी वकील शोभा गुप्ता के जरिये प्रतिनिधित्व करने वाली बानो को आश्वासन दिया कि याचिका की सुनवाई के लिए नई बेंच का गठन किया जाएगा। यह दूसरी बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने लाइव लॉ के अनुसार मामले को उठाने के लिए एक स्पेशल बेंच गठित करने पर सहमति जताई है।
सीजेआई ने कहा कि ‘मेरे पास एक बेंच गठित होगी। आज शाम इसे देखेंगे।’
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक वकील शोभा गुप्ता ने कहा कि इस मामले का चार बार जिक्र किया जा चुका है, लेकिन शुरूआती सुनवाई और नोटिस के लिए इसे अभी तक लिया जाना बाकी है। मामले में 24 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी थी क्योंकि संबंधित न्यायाधीश निष्क्रिय इच्छामृत्यु से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रहे थे।
बता दें कि गोधरा कांड के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में 3 मार्च, 2002 को उग्र भीड़ ने 14 लोगों की हत्या कर दी थी जिसमें बिलकिस बानो और उसकी तीन साल की बेटी के साथ गैंगरेप भी किया गया था।