नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के मामले में बड़ी राहत दी है। अदालत ने शुक्रवार को मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी, जिसके कारण उन्हें मौजूदा लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था और आगामी 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने की उनकी योग्यता पर सवालिया निशान लगा दिया था।
यह रोक उसकी अपील पर अंतिम फैसला आने तक लंबित है। शीर्ष अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने अधिकतम 2 साल कैद की सजा देने का कोई कारण नहीं बताया है।
यह फैसला तब आया जब राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि उनके खिलाफ मानहानि मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का मूल उपनाम मोदी नहीं है और वह (पूर्णेश) मोध वणिका समाज से हैं।
शीर्ष अदालत की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार शामिल थे, ने मानहानि मामले में कांग्रेस नेता की सजा को बरकरार रखने के गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ गांधी की याचिका पर सुनवाई की थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तत्काल बाद कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया कि ‘ आ रहा हूं…सवाल जारी रहेंगे।’ यानि अब राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने की बात होने लगी है।
कानूनी वेबसाइट लाइव लॉ मुताबिक राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि “सबसे पहले, पूर्णेश मोदी (शिकायतकर्ता) का मूल उपनाम मोदी नहीं है…उन्होंने अपना उपनाम बदल लिया…गांधी ने अपने भाषण के दौरान जिन लोगों का नाम लिया था, उनमें से एक ने भी मुकदमा नहीं किया है। दिलचस्प बात यह है कि 13 करोड़ के इस ‘छोटे’ समुदाय में जो भी लोग पीड़ित हैं, मुकदमा करने वाले केवल भाजपा पदाधिकारी हैं।”
एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सिंघवी ने कहा कि गांधी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा दायर किसी भी मामले में उन्हें कोई सजा नहीं हुई है।
वायनाड के पूर्व सांसद ने 7 जुलाई को गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।
गांधी को इस मामले में सबसे पहले सूरत की मजिस्ट्रेट अदालत ने दोषी ठहराया था, जिसने 23 मार्च को 2019 कोलार राजनीतिक रैली में उनकी टिप्पणी “सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है” के लिए उन्हें दो साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यालय 24 अकबर रोड पर जश्न का माहौल देखने को मिला। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि “माननीय उच्चतम न्यायालय को न्यायपूर्ण फैसला देने के लिए धन्यवाद। सत्यमेव जयते।”
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि “सुप्रीम कोर्ट का फैसला सत्य और न्याय की मजबूत पुष्टि है। भाजपा की मशीनरी के अथक प्रयासों के बावजूद, राहुल गांधी न्यायिक प्रक्रिया में अपना विश्वास रखने का विकल्प चुनते हुए, झुकने, टूटने या झुकने से इनकार कर दिया है। इसे भाजपा और उसके समर्थकों के लिए एक सबक बनने दें: आप अपना सबसे बुरा काम कर सकते हैं लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। हम एक सरकार और एक पार्टी के रूप में आपकी विफलताओं को उजागर करना और उजागर करना जारी रखेंगे। हम अपने संवैधानिक आदर्शों को कायम रखेंगे और अपनी संस्थाओं में विश्वास बनाए रखेंगे जिन्हें आप इतनी बेताबी से नष्ट करना चाहते हैं। सत्यमेव जयते!”
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि “मा. सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी जी की सज़ा पर रोक लगाकर भारतीय लोकतंत्र और न्यायपालिका में लोगों की आस्था को बढ़ावा दिया है। भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अहंकारी ध्वज आज उनके नैतिक अवसान के शोक में झुक जाना चाहिए।”