Saturday, April 20, 2024

तन्मय के तीर

यूएस फ्रीडम हाउस ने अभी अपनी रिपोर्ट में भारत को आंशिक रूप से स्वतंत्र बताया है। फ्रीडम हाउस की यह रिपोर्ट नागरिक जीवन से जुड़े कई सर्वेक्षणों पर आधारित है। इसमें बताया गया है कि किस तरह से लोगों की स्वतंत्रता लगातार छीनी जा रही है। संस्थाओं से लेकर नागरिक जीवन तक में इसका दबाव महसूस किया जा रहा है। किसान आंदोलन के इतने दिनों जारी रहने के बाद भी उस पर सरकार की तरफ से कोई सुनवाई का न होना बताता है कि देश में लोकतंत्र को बेमानी करार दे दिया गया है। और आंदोलन को तोड़ने के लिए पुलिस बल से लेकर सड़कों पर कील तक ठोकने की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही दूसरी तरफ भगवा घेरेबंदी तेज कर दी गयी है। लिहाजा कहा जा सकता है कि नागरिक स्वतंत्रता खतरे में है। इसी मसले पर तन्मय ने अपने तीर चलाए हैं। आप भी उसको देखिए।

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट: रोजी-रोटी, भूख, सड़क और बिजली-पानी राजनांदगांव के अहम मुद्दे, भूपेश बघेल पड़ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी पर भारी

राजनांदगांव की लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और वर्तमान सांसद संतोष पांडेय के बीच मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। मतदाता सड़क, पानी, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं, जबकि युवा बेरोजगारी और रोजगार वादों की असफलता से नाराज हैं। ग्रामीण विकासपरक कार्यों के अभाव पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

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