नई दिल्ली। सु्प्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त किए गए वार्ताकार सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन आज फिर शाहीन बाग पहुंचे हुए हैं। दोनों की वहां बैठे प्रदर्शनकारियों से बातचीत चल रही है। कल भी ये लोग शाहीन बाग गए थे लेकिन शुरुआती बातचीत के बाद दोनों पक्ष किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए थे। इस दौरान इन वार्ताकारों के लिए सबसे बड़ी समस्या प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत और उसके तरीके को लेकर रही। किससे बात करें, किससे न करें और कौन अगुआई कर रहा है इसको लेकर असमंजस बना हुआ है। और प्रदर्शनकारियों में भी तमाम चीजों को लेकर अलग-अलग राय बनी हुई है।
आज जब वार्ताकार प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे तो सबसे पहले उन्होंने किसी भी मीडिया के शख्स को वहां न रहने की शर्त रखी। उन्होंने कहा कि मीडिया की मौजूदगी में कोई बात नहीं हो सकती है। लिहाजा माडिया के लोगों के वहां से हटने के बाद ही दोनों पक्षों के बीच बातचीत शुरू हो पायी।
शाम 5:12 बजे: प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए एडवोकेट साधना रामचंद्रन ने कहा कि हम लोग यहां आपके पक्ष को सुनने आए हैं। साथ ही हम अपना विचार भी रखेंगे। कल मैं 10-15 महिलाओं से अलग-अलग बात करना पसंद करूंगी।
कुछ समय के बाद एडवोकेट साधना ने कहा कि काम नहीं हो रहा है। क्योंकि प्रदर्शनकारी सामान्य शिष्टाचार भी नहीं बरकरार रख पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस जगह पर हम ठीक से बात नहीं कर पा रहे हैं। आप शिष्टाचार भी नहीं मेंटेन कर रहे हैं।
शाम 4:45 बजे: उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि यह भारत का आंदोलन है न कि किसी हिंदू या फिर मुस्लिम का। जब एक शख्स ने कहा कि दूसरे लोगों को भी एनआरसी में रखा जाना चाहिए और यह कि जामा मस्जिद और कुतुब मीनार इस बात को परिलक्षित करते हैं कि हम भारतीय हैं। इस पर एडवोकेट संजय हेगड़े ने कहा कि कौन कहता है कि आप एक भारतीय नहीं हैं?
उन्होंने कहा कि हम कहते हैं भारत माता न तो हिंदू हैं और न ही मुस्लिम। इस पर प्रदर्शनकारी ने कहा कि लेकिन हमारे पीएम कहते हैं कि हम भारतीय नहीं हैं।
इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए संजय हेगड़े ने कहा कि अपने इतिहास में हम लोगों ने ऐसे ढेर सारे प्रधानमंत्री देखे हैं। सत्ता उन्हें देश चलाने के लिए दी गयी है।
शाम 4:29 बजे: इसके पहले एडवोकेट साधना ने कहा कि हम तय करेंगे कि आप से कैसे बात की जाए न कि आप। हम प्रदर्शनकारियों से बात करना चाहते हैं। हम मीडिया से निवेदन करते हैं कि कृपया वह यहां से चली जाए।
शाम 4:27 बजे: संजय हेगड़े ने कहा कि आप लोग यहां पिछले दो महीने से बैठे हुए हैं। हम भारत में एक साथ एक दूसरे को परेशानी खड़ी करने के लिए नहीं रहते हैं बल्कि एक साथ आगे बढ़ने के लिए हैं। आप क्यों इंकार कर रहे हैं? क्या आप इस बात से डरे हुए हैं कि एकबारगी आप इस जगह को छोड़ देंगे तो फिर कोई सुनने नहीं आएगा? मैं और ढेर सारे वकील आपके लिए लड़ेंगे।
शाम 4:26 बजे: एडवोकेट साधना ने कहा कि कोई चोट नहीं खाना चाहता और न ही कोई दूसरे को चोट पहुंचाना चाहता है। न ही देश का कोई नागरिक और न ही आप। अगर हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंचेंगे तब केस फिर एक बार सुप्रीम कोर्ट लौट जाएगा। फिर हम कुछ भी कर पाने में अक्षम होंगे। हमें नहीं लगता कि इस समस्या को हल नहीं किया जा सकता है। हर समस्या का समाधान होता है।
शाम 4:25 बजे: उन्होंने कहा कि जिस मुद्दे पर हम यहां बात करने आए हैं वह अापके अधिकारों की रक्षा का मुद्दा है। लेकिन इसके साथ ही लोगों की सुविधाओं का मुद्दा भी उसमें शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने आपकी तरफ हाथ बढ़ाया है। संजय और मैं यह नहीं चाहते कि आपका विरोध-प्रदर्शन रुके।
शाम 4:24 बजे: उन्होंने कहा कि हम यहां आपके बुलावे पर आए हैं। हम इस बातचीत को जारी रखना चाहते हैं। सीएए मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने है। कोर्ट सीएए और एनआरसी पर सुनवाई करेगा और केस की भी सुनवाई करेगा। कोई भी उसके नतीजे को नहीं बता सकता है। न मैं और न ही आप। सीएए के बारे में सुप्रीम कोर्ट फैसला लेगा।
शाम 4:04 बजे: साधना ने कहा कि आपकी चिंताएं संबंधित अधिकारियों तक पहुंच गयी हैं।
(इनपुट इंडिया टुडे से लिए गए हैं।)