Saturday, April 20, 2024

गांधी के दिन गोडसे बन गयी योगी की पुलिस! लखनऊ में सपाइयों की पीठ थी और खाकीधारियों की लाठियां

आज अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर जब पूरी दुनिया गांधी को याद कर रही है। हाथरस में दलित लड़की के उत्पीड़न व हत्या तथा किसान विरोधी कानून के खिलाफ़ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में हाथों में गांधी की तस्वीर लेकर पार्टी कार्यालय से गांधी प्रतिमा तक शांति मार्च निकाल रहे सपा विधायकों और कार्यकर्ताओं को यूपी पुलिस ने बर्बर तरीके से पीटा है। सड़क पर गिरा गिराकर मारा गया है। उनके कपड़े फाड़े और गिरफ़्तार करके थाने लेते गए। पुलिस ने महिला कार्यकर्ताओं तक को नहीं बख्शा।      

समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करके कहा है कि “लखनऊ में गांधी जयंती के अवसर पर हाथरस में हैवानियत का शिकार हुई बेटी एवं भाजपा सरकार के अत्याचार, किसान विरोधी बिल के खिलाफ लखनऊ में पार्टी कार्यालय से गांधी प्रतिमा तक शांतिपूर्ण पैदल मार्च निकाल रहे सपा विधायकों को सीएम के आदेश पर पुलिस द्वारा रोकना लोकतंत्र की हत्या है।”

बता दें कि परसों जिस दिन पीड़िता की लाश को परिजनों की मर्जी के खिलाफ़ पुलिस प्रशासन ने आधी रात को थिनर डालकर फूँक दिया था उस रोज भी लखनऊ और वाराणसी में सरकार और प्रशासन की ज़्यादतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सपाइयों को यूपी पुलिस ने बहुत बेरहमी से पीटा था।

महिला कार्यकर्ताओं के गले में पड़े दुपट्टे को पकड़कर के भी पुलिसकर्मियों ने सड़कों पर खींचा था।

सपा ने हाथरस डीएम और एसपी पर एफआईआर की मांग की 

इस संदर्भ में पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाथरस डीएम और एसपी पर एफआईआर की मांग करते हुए अपने निजी ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके शांति मार्च निकालने वाले सपा विधायकों पर बर्बर पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया है।

अखिलेश यादव ने लिखा है “ आज हाथरस की ‘बेटी के लिए मौन व्रत’ रख धरने पर बैठने जा रहे सपा के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों को भाजपा सरकार ने गिरफ्तार करके बापू-शास्त्री की जयंती के दिन सत्य की आवाज़ को हिंसक तरीके से दबाई है। निंदनीय। सपा ने हाथरस डीएम और एसपी पर एफआईआर की मांग करती है।”

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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