Saturday, April 20, 2024

तन्मय के तीर

(दोस्तों, कार्टून का पत्रकारिता के साथ चोली दामन का रिश्ता रहा है। और एक दौर में यह अखबारों का अभिन्न हिस्सा हुआ करता था। सुबह हाथ में अखबार आने पर पाठकों की सबसे पहली निगाह मुख्य पृष्ठ पर नीचे बाएं साइड के कोने पर पड़ती थी। लेकिन मीडिया जैसे-जैसे सरकार की गोदी में गया व्यंग्य की यह विधा भी उससे दूर होती गयी। लेकिन इसकी मारक क्षमता आज भी बरकरार है। लिहाजा ‘जनचौक’ ने भी अब इस दिशा में सोचना शुरू किया है। और उसी सिलसिले में चर्चित कार्टूनिस्ट और लेखक तन्मय त्यागी से बात हुई और उन्होंने सहर्ष इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। लिहाजा अब से समसामयिक विषयों पर आपको भी तन्मय के कार्टून मिलते रहेंगे। इसके लिए अलग से एक कॉलम बनाया गया है जिसका शीर्षक है ‘तन्मय के तीर’-संपादक)

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट: रोजी-रोटी, भूख, सड़क और बिजली-पानी राजनांदगांव के अहम मुद्दे, भूपेश बघेल पड़ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी पर भारी

राजनांदगांव की लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और वर्तमान सांसद संतोष पांडेय के बीच मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। मतदाता सड़क, पानी, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं, जबकि युवा बेरोजगारी और रोजगार वादों की असफलता से नाराज हैं। ग्रामीण विकासपरक कार्यों के अभाव पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।

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