(असम में जारी एनआरसी की प्रक्रिया पर एक स्वतंत्र जन पंचाट गठित किया गया था। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस एपी शाह, राजदूत देब मुखर्जी, सुश्री गीता हरिहरन, डॉ. सईदा हमीद, प्रोफेसर मोनिरुल हुसैन और डॉ. फैजान मुस्तफा शामिल थे। पंचाट ने असम में एनआरसी से बाहर किए गए लोगों के पक्षों को सुनने के बाद एक अंतरिम रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें उसने साफ-साफ इसे एक मानवीय संकट करार दिया है। साथ ही इसे भविष्य के लिए बेहद खतरनाक बताया है। पंचाट ने कहा है कि यह भविष्य में कभी भी किसी पुलिस वाले या प्रशासन को किसी नागरिक को विदेशी करार देने का अधिकार दे देता है। इसके अलावा सरकार कभी भी धर्म, जाति या भाषा के आधार पर किसी को नागरिकता के अधिकार से वंचित कर सकती है। उस दिशा यह उसकी शुरुआत भर है। लिहाजा पूरी प्रक्रिया पर रोक लगनी चाहिए। पंचाट यानी ट्रिब्यूनल की उस अंतरिम रिपोर्ट को यहां दिया जा रहा है- संपादक)
This post was last modified on September 11, 2019 8:30 pm