नई दिल्ली। महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह और कुश्ती संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर को दो दिनों के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि वह 20 जुलाई को नियमित जमानत पर बहस सुनने के बाद निर्णय लेगा। न्यायधीश हरजीत सिंह जसपाल ने आरोपियों को 25,000 रुपये के जमानत बांड भरने का निर्देश दिया।
बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवान ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिसके बाद छह महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न, उन पर हमला करने और उनका पीछा करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में 1500 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी और सांसद के खिलाफ केस चलाने की मांग की थी। जिसके बाद दिल्ली की एक अदालत ने बृजभूषण सिंह को तलब किया था।
चार्जशीट छह पहलवानों की गवाही, गवाहों के बयान और तकनीकी सबूत जैसे तस्वीरें, वीडियो और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के आधार पर तैयार की गई थीं। पुलिस ने शिकायतों की पुष्टि के लिए फोटो और वीडियो सबूत का हवाला दिया। महिला पहलवानों के आरोपों के आधार पर दिल्ली पुलिस की विशेष जांच टीम ने रोहतक, सोनीपत, लखनऊ, पटियाला, कुरूक्षेत्र, हिसार, भिवानी, चंडीगढ़ और कर्नाटक के बेल्लारी का दौरा कर सबूत जुटाए थे।
अप्रैल महीने में एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी की अलग-अलग शिकायतें दर्ज करवाई थीं। सरकार ने मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई थी। जिससे असंतुष्ट होकर महिला पहलवानों ने 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था। जिसमें संगीता फोगाट, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया जैसे इंटरनेश्नल लेबल के कई पहलवान शामिल हुए थे।
धरना-प्रदर्शन में कई सामाजिक संगठनों के साथ-साथ पहलवानों को किसानों का भी साथ मिला। जिसके बाद 28 मई को नई संसद के उद्घाटन समारोह के दिन भी पहलवानों ने जंतर-मंतर से मार्च निकाला था। जिस दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से पहलवानों के साथ दुर्वव्यहार किए जाने की कई तस्वीरें सामने आई थीं। पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया था और जंतर-मंतर से उनका धरना जबरन हटा दिया गया था।
(कुमुद प्रसाद जनचौक की सब एडिटर हैं।)
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