Saturday, April 20, 2024

प्रशांत भूषण के पक्ष में उठ खड़े हुए लोग, सजा के मौके पर आज देश भर में होगा प्रतिवाद

(अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट आज जाने-माने एडवोकेट और सिविल राइट्स एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण को सजा सुनाएगा। हालांकि भूषण ने फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका डालने की घोषणा की है। इसी आधार पर कल उन्होंने कोर्ट के सामने सजा को टालने की अर्जी डाली है। इस बीच, प्रशांत के पक्ष में कानूनी बिरादरी से लेकर जिसमें सुप्रीम कोर्ट समेत तमाम उच्च न्यायालयों के पूर्व न्यायाधीश तक शामिल हैं, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों समेत आम नागरिक समुदाय खुल कर सामने आ गया है। देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में यह बात अलग-अलग रूपों में देखी जा रही है। भारत के कई शहरों में कल प्रदर्शन हुए हैं। हजारों लोगों ने हस्ताक्षर के जरिये राष्ट्रपति से मामले में दखल देकर फैसले पर तत्काल रोक लगाने की अपील की है। इसी कड़ी में कुछ शख्सियतों ने अलग से अपील जारी की है। इसके साथ ही आज कई कार्यक्रम भी लिए गए हैं। पेश है उनकी पूरी अपील और कार्यक्रमों की जानकारी-संपादक)

प्रशांत भूषण के साथ एकजुटता जाहिर करें

हम देखेंगे अभियान में शामिल हों

समय 10 बजे, 20 अगस्त 2020

प्रिय साथी
जिंदाबाद !
आप जानते ही हैं कि 20 अगस्त 2013 को अंधविश्वास के खिलाफ आजीवन संघर्ष करने वाले तर्कवादी चिंतक डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या कर दी गई थी। इसी तारीख को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नागरिक अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए संघर्ष कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता को सजा सुनाई जाएगी।
आपको मालूम ही होगा कि सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीशों सहित देश के 3000 से अधिक नागरिकों ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का लिखित विरोध किया है तथा लाखों नागरिकों ने उन दो ट्वीटों को रिट्वीट किया है, जिनको लेकर अवमानना की कार्यवाही की गई है।
20 अगस्त को देश भर में प्रशांत भूषण के साथ खड़े साथियों ने ‘हम देखेंगे’ नाम का अभियान चलाकर राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता प्रदर्शित करने की अपील की है।
आपसे अनुरोध है कि आप अपने गांव /शहर के किसी मुख्य स्थान पर, स्वतंत्रता आंदोलन के किसी नेता की मूर्ति या बाबा साहेब की मूर्ति के पास खड़े होकर हाथ में अपने संगठन का बैनर तथा प्रशांत भूषण के साथ एकजुटता जाहिर करने वाला पोस्टर लेकर 10:00 बजे से कार्यक्रम आयोजित करें। अपने कार्यक्रम को फेस बुक लाइव करें।
10:30 बजे से स्वराज अभियान से प्राप्त ज़ूम लिंक से भी आप जुड़ सकते हैं। जिसे 11 बजे से फेसबुक लाइव किया जाएगा। जो भी साथी इकट्ठे हों उनके हस्ताक्षर कराकर भी आप अवश्य भेजें। यह कार्यक्रम 1:00 बजे तक चलेगा। फैसला हो जाने के बाद प्रशांत भूषण जी जूम वीडियो के माध्यम से आपके बीच होंगे।
आपसे अनुरोध है कि कार्यक्रम करते समय कोरोना संक्रमण से बचने हेतु सभी सावधानियां बरतें।
यदि आप दिल्ली के सामूहिक कार्यक्रम से जुड़ें तो कृपया कर आप अपना स्पीकर बंद रखें ।
आपसे अनुरोध है कि अपने क्षेत्र के वकीलों और नागरिक अधिकारों पर कार्य कर रहे
कार्यकर्ताओं को विशेष तौर पर कार्यक्रम में शामिल होने हेतु आमंत्रित करें। इस अवसर पर हमें लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की शपथ भी लेना चाहिए। जिसका प्रारूप शीघ्र ही आपको भेज दिया जाएगा।

निवेदक:
आनंद कुमार, देवनूर महादेव, मेधा पाटकर, अरुणा रॉय, योगेंद्र यादव, हर्ष मंदर, रवि चोपड़ा, एस आर हीरामठ, कविता श्रीवास्तव,निखिल डे, अंजली भारद्वाज, डॉ. सुनीलम

एआईपीएफ ने भी प्रशांत भूषण के साथ एकजुटता जाहिर की

प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने की परिस्थितियों में कल लोकतंत्र बचाओ अभियान की आपातकालीन वेबिनार बैठक हुई। बैठक में प्रशांत भूषण को सजा सुनाने के खिलाफ आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट द्वारा जारी पोस्टर ‘हम बोलेंगे’ क्योंकि प्रशांत को सजा देना लोकतंत्र के लिए अशुभ है, न्याय के लिए बोलना अपराध नहीं है, सभी राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं की रिहाई, काले कानूनों का खात्मे, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य के अधिकार, दुनिया में शांति के लिए और बराबरी के अधिकार पर सहमति व्यक्त की गयी। 

इस सम्बंध में राष्ट्रीय स्तर पर स्वराज अभियान, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट समेत अन्य संगठनों द्वारा कल आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए दोपहर 12 बजे से ही इसके लिए तैयार रहने का निर्णय लिया गया। बैठक में सजा सुनाए जाने की स्थिति में गांव, शहर, कस्बा जहां भी हम हैं वहां अपने संगठनों के बैनर, झण्ड़े के साथ सामूहिक/व्यक्तिगत रूप से विरोध दर्ज करने का निर्णय हुआ। सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, वाट्सअप, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम आदि पर हस्ताक्षर अभियान, नारेबाजी के रूप में विरोध किया जायेगा। सजा सुनाए जाने के बाद प्रशांत द्वारा किए जाने वाले सम्बोधन को भी हर साथी द्वारा सुना जाए यह निर्णय भी बैठक में हुआ। बैठक की अध्यक्षता आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी और संचालन दिनकर कपूर ने किया।

बैठक में मौजूद अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि युग परिवर्तन हो रहा है। सरकार व सत्ता को अन्याय के खिलाफ राय जाहिर करना भी पसंद नहीं है। प्रशांत भूषण कोई अपनी लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं। उन्होंने अन्याय के खिलाफ अपनी राय जाहिर की है। इसलिए जितने भी लोग देश में लोकतंत्र में विश्वास करते हैं उन्हें आपसी मतभेदों को भूल कर एकजुट हो इसके विरुद्ध प्रतिवाद में उतरना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने जो चुनौती पेश की है उससे लड़ने की क्षमता तो जनता में है और अपने स्तर पर लोग लड़ भी रहे हैं आज जरूरत इससे मुकाबले के लिए एकताबद्ध होकर राजनीतिक भूमिका निभाने की है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह की अपील:

प्रशांत सत्ता की आंख की किरकिरी बने हुए हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता कि सत्ता किस पार्टी की है!

क्योंकि वे तानाशाही के विरुद्ध हैं,

क्योंकि वे क्रोनी capitalism के खिलाफ हैं,

क्योंकि वे भ्रष्टाचार के विरुद्ध हैं!

क्योंकि वे न्याय के पक्ष में खड़े हैं

क्योंकि वे मानवाधिकारों के पक्ष में खड़े हैं

क्योंकि वे इंसाफ के लिए लड़ते किसानों, नौजवानों, मेहनतकशों, नागरिकों के पक्ष में खड़े हैं, कन्याकुमारी से कश्मीर तक, रोहित वेमुला-भीमा कोरेगांव से बस्तर तक, निर्भया से शर्मिला ईरोम तक, JNU से शाहीन बाग़ तक!

क्योंकि वे हमारी आज़ादी की लड़ाई से निकले लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, समता के बुनियादी संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए सीना तानकर खड़े हैं!

प्रशांत जी हमारे संसदीय लोकतंत्र की अंतिम रक्षापंक्ति के सबसे मजबूत सेनानी हैं, वे इसके Conscience Keeper हैं!

वे सर्वोच्च न्यायालय, चुनाव आयोग, CAG समेत हमारी सभी संवैधानिक संस्थाओं को स्वतंत्र, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की जद्दोजहद कर रहे हैं,

वे Judiciary को Judicious बनाने के लिए लड़ रहे हैं!

प्रशांत जी को बचाने की लड़ाई, इस देश में लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई का निर्णायक मोर्चा है!

इसलिये आज हर देशभक्त उनके साथ खड़ा है!

आज़ादी की लड़ाई के महान शहीदों के सपनों को दिल में लिए हुए, आप भी बुलंद हौसले और साहस के साथ उनके साथ खड़े होइए !

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