Thursday, April 25, 2024

“एग्जिट पोल में भाजपा जीत रही हैं, फिर भी कार्यकर्ता और नेता खुश क्यों नहीं हैं?”

जनचौक ब्यूरो

एग्जिट पोल में गुजरात में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बन चुकी है। हालांकि अभी आधिकारिक मतगणना बाकी है, जो 18 दिसंबर को होगी। परिणाम कुछ भी हो लेकिन अभी अनुमानों को लेकर बीजेपी समर्थक खुश हैं, हालांकि विरोधी इसपर यकीन नहीं कर रहे हैं। बौद्धिकों में भी एक वर्ग ऐसा है जो एग्जिट पोल के अनुमानों को लेकर हैरत में है और उसका मानना है कि परिणाम इसके उलट भी आ सकता है।

इस वर्ग का मानना है कि गुजरात में ग्राउंड रिपोर्ट कुछ और ही थी। इनके मुताबिक चुनाव के दौरान ज़मीनी तौर पर गुजरात में बीजेपी को लेकर गुस्सा साफ दिखाई दे रहा था। 20-22 बरस में ऐसा पहली बार दिखाई दिया जब लोगों ने खुले तौर पर अपनी नाराज़गी का इज़हार किया। किसान, मज़दूर, पाटीदार, दलित, अल्पसंख्यक सभी में बीजेपी का विरोध दिखाई दे रहा था। जीएसटी के बाद तो व्यापारी वर्ग भी बीजेपी से खुश नहीं था। गुजरात में तमाम जगह ये नाराज़गी सड़कों पर आंदोलन के तौर पर दिखाई दी। इसके बाद भी अगर रिजल्ट बीजेपी के  पक्ष में आता है तो ये हैरत की ही बात होगी।

हार्दिक की आशंका

बीजेपी के खिलाफ जोरदार मोर्चा खोलने वाले पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने कल से एक के बाद एक कई ट्विट किए हैं। एक तरफ उन्होंने बीजेपी की हार की उम्मीद जताई है तो दूसरी तरफ यह आशंका भी जताई है कि अगर अब भी बीजेपी जीतती है तो ज़रूर ईवीएम में गड़बड़ी की गई हो सकती है। एग्जिट पोल के अनुमानों को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए हैं।

उन्होंने सवाल उठाया-

“एग्ज़िट पोल में भाजपा जीत रही है। फिर भी कार्यकर्ता और नेता ख़ुश क्यों नहीं हैं????”

एक अन्य ट्विट में हार्दिक ने कहा :

“हम EVM मशीन का उपयोग क्यों करते हैं !! ताकि मतगणना जल्दी हो जाए लेकिन चुनाव ख़त्म होने के बावजूद भी ५/७ दिन तक क्यों EVM हमें बंद कमरे में रखने पड़ते हैं। इस से अच्छा है की बेलेट पेपर से मतदान कीजिए इसमें भी EVM जितना ही समय लगता है।

हिमाचल प्रदेश का EVM एक महीने तक पड़ा रहा।”

हालांकि  उन्होंने उम्मीद भी जताई- “ऊपर वाले के घर देर है मगर अंधेर नहीं जीत सत्य की होगी।”

“उत्तर से आँधी, सौराष्ट्र से शेर, दक्षिण से ग़ुस्सा यह मिलकर होगा महापरिवर्तन”

इससे पहले उन्होंने कल मतदान के दौरान पीएम मोदी के रोड शो पर भी टिप्पणियां की थीं।

एक अन्य ट्विट में उन्होंने कहा कि

“मोदी जी भी कमाल करते हैं आज तो वोटिंग के दिन रोड शो कर दिया,उनको लगा की अभी तीसरा फ़ेस बाक़ी है।”

जिग्नेश मेवानी

दलित आंदोलन के नेता और वडगाम से चुनाव लड़ रहे जिग्नेश मेवानी ने भी ट्विट कर कहा-

“एग्जिट पोल यानी चार दिन की चाँदनी, फिर शुरू होगी नयी कहानी।”

“एक्जिट  पोल संपूर्ण विज्ञान नहीं” 

गुजरात के पूर्व आईपीएस राहुल शर्मा अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखते हैं कि “उन लोगों के लिए जो गुजरात में एक्जिट पोल के बाद उदासी महसूस कर रहे हैं, कृपया 18वीं की प्रतीक्षा करें- आप आश्चर्यचकित हो सकते हैं। आखिरकार, एक्जिट पोल संपूर्ण विज्ञान नहीं है।”

गुजरात के ही एक अन्य चर्चित आईपीएस संजीव भट्ट के मुताबिक इस एग्जिट पोल में हेरफेर की गई है

उन्होंने एक खबर साझा करते हुए 18 दिसंबर के बाद कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे और खरीद-फरोख्त की भी आशंका जताई है।

स्वराज आंदोलन के नेता और पूर्व में महत्वपूर्ण चुनाव विश्लेषक रहे योगेंद्र यादव ने एग्जिट पोल को स्वीकार तो किया लेकिन इन अनुमानों पर उन्हें भी हैरत है। वह लिखते हैं-

“हैरान हूं, लेकिन इस पर विश्वास न करने का कोई कारण नहीं है, सभी एग्जिट पोल एक ही दिशा में इशारा कर रहे हैं।”

वरिष्ठ पत्रकार और मशहूर एंकर रवीश कुमार अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखते हैं कि

 

“18 दिसंबर को बीजेपी और कांग्रेस में से कोई एक हारेगा। मगर गुजरात में एक दूसरा भी है जो नतीजा आने से पहले हार चुका है। उसका नाम है चुनाव आयोग। 

असतो मा सदगमय

तमसो मा ज्योतिर्गमय ।।” 

 

इससे पहले वह 13 दिसंबर को एक लंबी पोस्ट में लिखते हैं कि

“मुझे गुजरात चुनावों का रिज़ल्ट मालूम है लेकिन मैं 18 को रिज़ल्ट आने के बाद बताऊंगा। मैं चाहता हूं कि पहले देख लूं कि चुनाव आयोग का रिज़ल्ट सही है कि नहीं। मेरे रिज़ल्ट से मिलता जुलता है कि नहीं!

तब तक मुझसे रिज़ल्ट के बारे में न पूछें। कुछ पत्रकार ट्वीटर पर डोल गए हैं। बैलेंस करने या दोनों ही स्थिति में किसी एक साइड से लाभार्थी होने के चक्कर में अपना पोस्ट बदल रहे हैं, बीच बीच का लिख रहे हैं।

चुनावी राजनीति बकवास हो चुकी है। पत्रकारों ने कुल मिलाकर दस पांच एंगल ही दिखाएं। जबकि चुनाव के कई एंगल होते हैं जो पत्रकारों की नज़र से दूर होते हैं। जिनकी नज़र में होते हैं वो लिखते नहीं क्योंकि वे भी शामिल होते हैं…।”

खैर एग्जिट पोल पर चर्चा जारी है। इस बीच पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एसवाई कुरैशी ने ट्विट कर एग्जिट पोल को ही अवैध करार दिया है। उनके मुताबिक लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एग्जिट पोल करने और प्रसारित करने की मनाही है।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

“काश! यह बेटियाँ बिगड़ जाएँ…इतना बिगड़ें के यह बिफर जाएँ”

दुआ काश! यह बेटियाँ बिगड़ जाएँ इतना बिगड़ें के यह बिफर जाएँ   उनपे बिफरें जो तीर-ओ-तीश लिए राह में बुन रहे...

Related Articles

“काश! यह बेटियाँ बिगड़ जाएँ…इतना बिगड़ें के यह बिफर जाएँ”

दुआ काश! यह बेटियाँ बिगड़ जाएँ इतना बिगड़ें के यह बिफर जाएँ   उनपे बिफरें जो तीर-ओ-तीश लिए राह में बुन रहे...