Friday, April 19, 2024

अंधविश्वास की भेंट चढ़ गई यूपी में एक दलित बच्ची, संतान के लिए हत्या कर निकाला लीवर

उत्तर प्रदेश में कानपुर नगर के घाटमपुर थानाक्षेत्र के भदरस में दीपावली की रात छह साल की दलित बच्ची की तंत्रमंत्र के लिए निर्मम हत्या कर दी गई। पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए बताया है कि पीड़ित परिवार के पड़ोस में रहने वाले बीरन (31 वर्ष) और अंकुल कुरील (20 वर्ष) ने बच्ची की हत्या की थी। परशुराम नामक व्यक्ति को कोई संतान नहीं थी। तांत्रिक ने उसे बच्ची का लीवर लाने के कहा था। परशुराम ने अपने भतीजे अंकुल और उसके दोस्त बीरन को 1500 रुपये देकर बच्ची का लीवर लाने के लिए तैयार किया था। घटना को अंजाम देने के लिए गए बीरन और अंकुल ने शराब पी रखी थी अतः उन्होंने पहले लड़की से दुष्कर्म का प्रयास किया और फिर उसका शरीर काट कर उसका लीवर निकालकर परशुराम को ले जाकर दे दिया। इस घटना की जानकारी परशुराम की पत्नी को भी थी और वो भी इसमें शामिल थी। पुलिस के मुताबिक आरोपियों में से एक अंकुल के चाचा परशुराम को काला जादू करने के लिए इन अंगों की ज़रूरत थी।

पुलिस अधीक्षक बृजेश श्रीवास्तव के मुताबिक इस मामले में पुलिस ने रविवार 15 नवंबर को ही मुख्य आरोपी परशुराम और उसकी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया था। मुख्य आरोपी परशुराम ने पुलिस को बयान दिया है कि उसकी शादी साल 1999 में हुई थी, लेकिन उसके अब तक कोई कोई संतान नहीं है। परशुराम को किसी ने काला जादू से संतान हासिल करने की सलाह दी थी। इसके लिए उसे किसी बच्चे के लीवर की आवश्यकता थी। एक तांत्रिक ने उसे संतान प्राप्ति के लिए बच्ची का लीवर खाने का उपाय बताया था। परशुराम ने इसके लिए अपने भतीजे अंकुल और उसके मित्र बीरन को 1500 रुपये देकर पड़ोसी की बच्ची को अपहरण करके लीवर निकालकर लाने के लिए तैयार किया था।

इससे पहले कल 16 नवंबर को भी अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) बृजेश श्रीवास्तव ने सोमवार को इस मामले में जानकारी साझा की थी।

पूरे मामले में आरोपियों के खिलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 201 तथा पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

क्या है पूरा मामला
बता दें कि घाटमपुर क्षेत्र के भदरस गांव में शनिवार दीपावली की शाम को एक छह साल की दलित बच्ची लापता हो गई थी। घर वाले रात भर उसे ढूंढते रहे। उसका शव अगली सुबह एक खेत में मिला था। निर्मम हत्या कर उसके दोनों फेफड़े और लीवर निकाल लिए गए थे। बच्ची के चेहरे पर किसी नुकीले हथियार से वार किया गया था। बच्ची के पैरों में रंग होने के चलते गांववालों और परिजनों द्वारा तांत्रिक अनुष्ठान के तहत बच्ची की बलि दिए जाने की आशंका जताई थी, जबकि पुलिस रेप और हत्या का केस मानकर चल रही थी। घटना के बाद पहले डीआईजी प्रतिविंदर सिंह ने 15 नवंबर को अंकुर कुरील और वीरेंद्र कुरील नाम के दो युवकों की फोटो जारी करके दावा किया था कि बच्ची की हत्या और गैंगरेप इन दोनों ने ही की है। ये उसको चिप्स दिलाने के बहाने ले गए थे। वहां रेप करने का प्रयास किया उसी दौरान बच्ची की हत्या कर दी। दोनों ने अपना जुर्म कुबूल भी कर लिया है।

सूबे के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा मामले का संज्ञान लेने और गांव वालों और पीड़ित परिवार के शक के आधार पर पड़ोसी बीरन और अंकुल कुरील को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर मामले का खुलासा हुआ।

वहीं मामले में जनाक्रोश और दबाव बनते देख रविवार की रात को ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी बच्ची के घर पहुंचकर मुख्यमंत्री द्वारा पीड़ित परिजनों को पांच लाख रुपये की सहायता राशि दिए जाने का एलान किया है।

इस बीच कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, “क्या यूपी के सीएम साहब ये बताने का कष्ट करेंगे कि उनका मिशन शक्ति कितना सफल रहा?

क्योंकि यूपी से महिलाओं के खिलाफ अपराधों की आ रही खबरें तो कह रही हैं कि यूपी महिलाओं के लिए एकदम सुरक्षित नहीं है। कई जगहों पर तो लड़कियों ने जान दे दी क्योंकि उनकी कोई सुनवाई न हुई।

अंधविश्वास के चलते संतान प्राप्ति के लिए दलित बच्ची की हत्या मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भले ही पांच लाख रुपये की सहायता राशि जारी की हो, लेकिन इसी सरकार में तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास को ख़ूब बढ़ावा दिया जा रहा है। देश का रक्षा मंत्री फ्रांस जाकर जब राफेल विमान पर नींबू-मिर्च लटकाता है तो वो तंत्रमंत्र को ही बढ़ावा दे रहा होता है। बीएचयू में तंत्र-मंत्र और भूत विद्या का कोर्स चलाकर क्या केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं दे रही है।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ने लगी है सरकारी योजनाओं तक वंचित समुदाय की पहुंच

राजस्थान के लोयरा गांव में शिक्षा के प्रसार से सामाजिक, शैक्षिक जागरूकता बढ़ी है। अधिक नागरिक अब सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनुसूचित जनजाति के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रगति ग्रामीण आर्थिक कमजोरी के बावजूद हुई है, कुछ परिवार अभी भी सहायता से वंचित हैं।

Related Articles

ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ने लगी है सरकारी योजनाओं तक वंचित समुदाय की पहुंच

राजस्थान के लोयरा गांव में शिक्षा के प्रसार से सामाजिक, शैक्षिक जागरूकता बढ़ी है। अधिक नागरिक अब सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनुसूचित जनजाति के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रगति ग्रामीण आर्थिक कमजोरी के बावजूद हुई है, कुछ परिवार अभी भी सहायता से वंचित हैं।