सूबे में बढ़ती महिला हिंसा, हत्या और बलात्कार की घटनाओं के खिलाफ ऐपवा का लखनऊ में प्रदर्शन

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में आयोजित ऐपवा के राज्य स्तरीय धरने पर मुख्य वक्ता के बतौर बोलते हुए ऐपवा प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के शासन मे महिलाओं के ऊपर हिंसा, हत्या, बलात्कार की घटनाओं की शर्मनाक ढंग से इज़ाफ़ा हुआ है।अपराधियों और बलात्कारियों को  सजा मिलने के बजाय  सरकार का संरक्षण मिला हुआ है। बहुमत से दुबारा सत्ता हासिल करने वाले और प्रदेश से अपराध कम करने और कानून का राज स्थापित करने की बात करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने उत्तर प्रदेश को पुलिस स्टेट में तब्दील कर दिया है। यूपी पुलिस घरों में घुसकर बेटियों को मार रही है, हत्या और बलात्कार तक में शामिल हो रही है और उन पर किसी भी तरह की कोई क़ानूनी कार्रवाई भी नहीं की जा रही है। प्रदेश में मुख्यमंत्री तानाशाही ढंग से संविधान, कानून और न्यायालय को ध्वस्त कर रहे हैं। 

ऐपवा की प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने कहा की डबल इंजन की भाजपा सरकार बुलडोज़र राजनीति के तहत उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर नफ़रत और हिंसा का सांप्रदायिक ज़हर घोलने की कोशिश कर रही है। इसकी आड़ में आंदोलनकारियों को भी परेशान कर रही है, गैरकानूनी ढंग से उनके मकानों पर बुलडोज़र चलाकर उन्हें ध्वस्त कर रही है। प्रयागराज में परवीन फातिमा और आफ़रीन, जावेद एक्टिविस्ट के साथ हुई शर्मनाक घटना इसका ताजा उदाहरण हमारे सामने है। 

प्रदेश उपाध्यक्ष आरती राय ने कहा कि योगी सरकार की महिला विरोधी- जनविरोधी कार्य नीतियों के ख़िलाफ़ है उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी -2 के शासन में महिला हिंसा और बलात्कार की घटनाओं में तेजी आई हैं। लखनऊ, लखीमपुरखीरी, सीतापुर, कानपुर, प्रयागराज आदि जिलों में महिलाओं के साथ हिंसा, हत्या, गैंग रेप की जघन्य घटनाएं सामने आई हैं। ललितपुर, सिद्धार्थनगर, चन्दौली जिलों में आश्चर्यजनक रूप से खुद यूपी पुलिस अपराधी और बलात्कारी है। इन घटनाओं से स्पष्ट है कि योगी सरकार में प्रदेश की पुलिस निरंकुश हो चुकी है।

 लखनऊ की सहसंयोजक कमला गौतम ने कहा कि योगी सरकार महंगाई को कम करने में नाकाम साबित हो रही है। गैस सिलेंडर समेत खाने पीने की जरूरी वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कारगर ढंग से लागू करने के बजाय और गरीबों को 5 किलो फ्री राशन पर चुनाव जीतने का दम्भ भरने वाली योगी सरकार आज गांव-गांव में मनरेगा में काम बंद कर रही है और राशन कार्डों को जबरन रद्द कर रही है।

ऐक्टू के प्रदेश अध्यक्ष का विजय विद्रोही ने मोदी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अग्निवीर योजना प्रचलित श्रम कानूनों को समाप्त कर लाई गई नई श्रम संहिता के तहत फिक्स टर्म इमप्लाइमेंट का कानून पहले ही बना चुकी है जिसे अग्निवीर योजना के तहत सेना में भी लागू किए जा रहे हैं। इसलिए पुराने श्रम कानूनों को पुनः लागू करने की लड़ाई को तेज करना होगा।ऐपवा के आंदोलन को भाकपा माले ने समर्थन दिया। 

लखनऊ के जिला सचिव रमेश सिंह सेंगर ने कहा कि जनता के हर मोर्चे पर फेल साबित हो चुकी है योगी सरकार की बुलडोजर राजनीति गरीबों, दलितों, आदिवासियों, मुस्लिमों को उनकी जमीनों से उजाड़ रही है, बड़े पैमाने पर उनका दमन कर रही है इसलिए आज जनता का बड़ा हिस्सा अपने अधिकारों के लिए सड़क पर आ चुका है।  

आइसा के प्रदेश अध्यक्ष आयुष ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार राष्ट्रीय सम्पत्तियों को एक एक करके बड़े पूंजीपतियों के हित में बेच देना चाहती है इसी तरह से भाजपा की शिक्षा के निजीकरण की नीति के चलते आज लाखों करोड़ों छात्र छात्राएं उच्च शिक्षा से महरूम हो रहे हैं। 

आरवाईए के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने भाजपा की अग्निपथ योजना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह भारत के बेरोजगार नौजवानों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि आरवाईए सेना में स्थायी भर्ती को सुनिश्चित करने और संविदा पर भर्ती को बंद करने की मांग करती है। उन्होंने कहा कि वह अग्निपथ के विरोध में  शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ है और लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन कर रहे नौजवानों के पुलिसिया उत्पीड़न के ख़िलाफ़ है।

कार्यक्रम में लखीमपुरखीरी से माला, सीतापुर से सरोजिनी, कानपुर से विद्या रजवार, गाजीपुर से सरोज, मंजू गोंड, चंद्रावती देवी, भदोही से कबूतरा देवी, चन्दौली से प्रमिला मौर्य, मुन्नी गोंड, श्यामदेई वाराणसी से रुखसाना, नूरजहां, भाकपा माले राज्य कमेटी सदस्य मिठाई लाल आदि ने वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का संचालन ऐपवा राज्य कार्यकारिणी सदस्य सरोजिनी बिष्ट ने किया। कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल के नाम ऐपवा ने 9 सूत्रीय मांगपत्र भी दिया।

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