नागरिकता संशोधन विधेयक और इसका विरोध करने वाले संगठनों पर हो रही पुलिसिया ज्यादतियों की खिलाफ पंजाब के विभिन्न मुस्लिम संगठन तीन जनवरी को ‘काला दिवस’ मनाएंगे। काला दिवस पूरे पंजाब में होगा। इस दिन सभी लोग पट्टी बांधकर जुमे की नमाज अदा करेंगे और फिर रोष प्रदर्शन में काले झंडे लिए हर जिला उपायुक्त अथवा एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम विरोध ज्ञापन देंगे। कई सिख संगठन भी समर्थन में आ गए हैं।
लुधियाना की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान की अगवाई में इमाम, मुफ्ती, मुस्लिम बुद्धिजीवियों, सामाजिक और सियासी नेताओं की अहम बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में एक स्वर में नागरिकता संशोधन कानून की निंदा करते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई।
कहा गया कि केंद्र सरकार का यह नया कानून धर्म के आधार पर धर्मनिरपेक्ष भारत को बांटने की साजिश है। धर्मनिरपेक्ष और विभाजन के वक्त भारत में रहने का फैसला करने वाले मुस्लिम इसका सख्त विरोध करते हैं।
यह प्रस्ताव भी पारित किया गया कि भारत में रह रहे मुसलमान हर लिहाज से देश प्रेमी हैं और उन्हें शक की निगाह से देखना और उपेक्षित करना बहुत बड़ी ज्यादती है। केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक विरोधी रवैये को देखते हुए तीन जनवरी को काला दिवस मनाने का फैसला किया गया है।
लुधियाना की जामा मस्जिद अपना खास रुतबा रखती है और पंजाब के मुस्लिम समुदाय में इसका खासा प्रभाव है। शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान कहते हैं, “सीएए का विरोध जारी रहेगा, क्योंकि भारत का संविधान धर्मनिरपेक्ष है और हम किसी कीमत पर अपने देश के दस्तूर को बदलने नहीं देंगे।”
उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों और खासकर उत्तर प्रदेश में पुलिस ने जो गुंडागर्दी की है, उससे इंसानियत का सिर शर्म से झुक गया है। योगी की पुलिस ने न सिर्फ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया बल्कि अंधाधुंध गोलियां चलाईं और मुसलमानों को पाकिस्तान जाने की खुलेआम धमकियां दीं।
इस बीच नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करने वाले पंजाब के कई अन्य संगठनों ने जामा मस्जिद लुधियाना के तीन जनवरी को मनाए जाने वाले राज्यव्यापी ‘काला दिवस’ का समर्थन किया है। अमृतसर अकाली दल के अध्यक्ष और पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने कहा है कि, “हम खुद अल्पसंख्यक हैं, इस नाते तमाम अल्पसंख्यकों का समर्थन करते हैं। नागरिकता संशोधन विधेयक मूल रूप से मुस्लिम विरोधी है। सुखबीर भी किसी भ्रम में न रहें।”
टकसाली अकाली दल और हाल ही में बादलों की सरपरस्ती वाले शिरोमणि अकाली दल से बगावत करने वाले राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने भी पंजाब के मुस्लिमों द्वारा तीन जनवरी को मनाए जा रहे ‘काला दिवस’ का खुला समर्थन किया है।
(अमरीक सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल जालंधर में रहते हैं।)