कुशीनगर के मदनी मस्जिद पर चला बुल्डोजर, सुप्रीम कोर्ट की सख्ती से शासन-प्रशासन में हड़कंप

Estimated read time 1 min read

लखनऊ। भाकपा (माले) ने कहा है कि कुशीनगर में मदनी मस्जिद पर बुल्डोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया अवमानना नोटिस प्रमाण है कि योगी सरकार में कानून के राज की जगह गैरकानूनी बुल्डोजर राज चल रहा है।

पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि बुल्डोजर न्याय राज्य प्रायोजित अराजकता है, जिस पर शीर्ष अदालत योगी सरकार को दो-दो बार कड़ी फटकार लगा चुकी है, लेकिन उसका कोई असर दिखाई नहीं पड़ रहा है। पिछले साल छह नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, क्योंकि उसने 2019 में महाराजगंज जिले में पत्रकार मनोज लिब्रवाल के घर को बुल्डोजर लगाकर अवैध रूप से ढहा दिया था। अदालत ने पाया था कि ध्वस्तीकरण में कानून की उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।

माले नेता ने कहा कि जुर्माना लगाने के एक सप्ताह बाद 13 नवंबर को भाजपा द्वारा प्रचारित ‘बुल्डोजर न्याय’ के मॉडल को असंवैधानिक व दुर्भावनापूर्ण ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसकी आलोचना की थी और किसी भी ध्वस्तीकरण की वैधता के विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसका पालन करना अनिवार्य है।

राज्य सचिव ने कहा कि शीर्ष अदालत के दिशा निर्देश जारी होने के बाद भी प्रदेश में नफरती व गैरकानूनी बुल्डोजर राज रुका नहीं है। कुशीनगर की मदनी मस्जिद पर गत आठ फरवरी को हुई बुल्डोजर कार्रवाई इसका गवाह है। यह दिखाता है कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में प्रदेश में कानून का राज नहीं, बल्कि चौतरफा अराजकता का राज है। शीर्ष अदालत के आदेशों का खुला उल्लंघन कर मनमानी की जा रही है।

माले नेता ने कहा कि मदनी मस्जिद मामले में कोई अतिक्रमण नहीं होने की रिपोर्ट लगाने वाले हाटा के एसडीएम का तबादला कर दिया गया। बिना कोई पूर्व नोटिस दिए बुल्डोजर चलाया गया। अतिक्रमित हिस्से को गिराने के नाम पर की गई कार्रवाई से पूरे ढांचे को क्षति पंहुची। इससे पूरी मस्जिद ही उपयोग के लिहाज से खतरनाक हो गई है। जल्दीबाजी में कई गई बुल्डोजर कार्रवाई भाजपा की नफरत की राजनीति का परिणाम है।

माले राज्य सचिव ने कहा कि भाजपा का बुल्डोजर राज पूरे प्रदेश में कहर बरपा रहा है और बड़े पैमाने पर विस्थापन का पर्याय बन गया है। इसके शिकार सिर्फ अल्पसंख्यक ही नहीं, बल्कि दलित, आदिवासी, गरीब और किसान भी ही रहे हैं। तमाम परियोजनाओं के नाम पर सैकड़ों गांवों पर विस्थापन की तलवार लटक रही है।

भदोही में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने, सोनभद्र में निजी क्षेत्र के पावर प्लांट लगाने, रायबरेली में गंगा नदी किनारे पेड़ लगाने, लखीमपुर खीरी में डूब क्षेत्र बनाने, चंदौली में वन विभाग की जमीन पर बसे गांवों को हटाने आदि की आड़ में बड़े पैमाने पर विस्थापन करने की योजना पर सरकार काम कर रही है। जहां सड़कें ठीक हैं, वहां भी फोर लेन बनाने के लिए अनाप-शनाप भूमि अधिग्रहण की मुहिम चल रही है और इसमें किसी भूमि अधिग्रहण कानून का पालन नहीं किया जा रहा है।

माले नेता ने योगी सरकार के बुल्डोजर न्याय पर कड़ाई से रोक लगाने और मदनी मस्जिद प्रकरण में क्षतिपूर्ति सहित दोषी अधिकारियों को दंडित करने की मांग की।

(प्रेस विज्ञप्ति)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author