नई दिल्ली। तेलंगाना में कांग्रेस हैदराबाद के जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र से पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन को टिकट दे कर फंस गई है। पार्टी में इसका विरोध हो रहा है। अज़हरुद्दीन मूल रूप से हैदराबाद के रहने वाले हैं। उन्होंने कभी भी तेलंगाना से चुनाव नहीं लड़ा और अपना एकमात्र चुनाव उत्तर प्रदेश से जीता था। वह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य रह चुके हैं।
कई नेता पार्टी छोड़ कर बीआरएस में शामिल हो रहे हैं। मंगलवार 31 अक्टूबर को, जुबली हिल्स के पूर्व विधायक पी विष्णुवर्धन रेड्डी सहित दो कांग्रेस नेता पार्टी छोड़ कर बीआरएस में शामिल हो गए। दोनों नेताओं को उम्मीद थी कि कांग्रेस जुबली हिल्स विधानसभा सीट से उन्हें टिकट देगी लेकिन कांग्रेस ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इससे पहले विष्णुवर्धन की बहन विजया रेड्डी को खैरताबाद से कांग्रेस का टिकट मिला था।
कांग्रेस छोड़ने वाले दूसरे वरिष्ठ नेता नागम जनार्दन रेड्डी थे, जो 1995 से 2004 तक संयुक्त आंध्र प्रदेश में पूर्व मंत्री और नगरकुर्नूल से पांच बार विधायक रहे। सूत्रों के मुताबिक उन्हें महबूबनगर जिले में कहीं से टिकट मिलने की उम्मीद थी और जब वह टिकट नहीं जुटा सके तो बीआरएस ने उन्हें टिकट भेजा था। बीआरएस में शामिल होते ही उन्होंने कहा कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की गई। टिकट नहीं मिलने से नाराज कई नेताओं के समर्थकों ने सोमवार 30 अक्टूबर को पार्टी कार्यालयों पर प्रदर्शन किया।
उधर, बीआरएस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने विष्णुवर्धन और नागम जनार्दन का पार्टी में खुद स्वागत किया। पार्टी की ओर से पहले ही 119 विधानसभा सीटों में से 116 के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करने के बावजूद बीआरएस में बदलाव हो रहा है।
इससे पहले, जब कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट जारी की थी तब भी कई नेताओं को टिकट देने से इंकार कर दिया था, जिसमें पूर्व विधायक ई. शेखर (जो जडचेरला से टिकट चाहते थे) और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पोन्नाला लक्ष्मीया (जनगांव से टिकट नहीं मिलने के बाद) शामिल थे।
सूत्रों के मुताबिक टिकट न मिलने से नाराज कई अन्य कांग्रेस नेता बीआरएस से जुड़ सकते हैं, जिनमें जी वेंगल राव (कुक्कटपल्ली से उम्मीदवार), वेंकट रेड्डी (पार्कल), जे राघव रेड्डी (वारंगल), सी कृष्णा रेड्डी (मुनुगोडे), एम सरस्वती (असिफाबाद), सुभाष रेड्डी (येलारेड्डी) शामिल हैं।
भाजपा छोड़कर कांग्रेस में लौटने के कुछ ही घंटों बाद ही कृष्णा रेड्डी के समर्थकों ने पोस्टर फाड़ दिए और स्थानीय पार्टी कार्यालय पर पथराव किया। बताया जा रहा है कि वे कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी को मुनुगोडे से उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज हैं। ऐसी ही खबरें अन्य जगहों से भी आईं।
कांग्रेस ने 15 अक्टूबर को 55 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी की थी और 27 अक्टूबर को 45 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट की घोषणा की थी। बाकी बचे 19 सीटों के लिए काफी खींचतान चल रही है जिसमें वामपंथी दल भी अपने हिस्से की मांग कर रहे हैं।
तेलंगाना पीसीसी प्रमुख ए रेवंत रेड्डी ने कहा कि उम्मीदवारों का चयन उनकी जीत की क्षमता के आधार पर किया गया है, न कि किसी अन्य विचार से, जैसा कि कुछ उम्मीदवारों ने आरोप लगाया है।
हालांकि, सुभाष रेड्डी, जो दलबदल भी कर सकते हैं, और एर्रा शेखर, जो पहले चले गए थे, ने दावा किया है कि टिकट के इच्छुक उम्मीदवारों को ग्रेड देने के लिए पीसीसी की ओर से कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया था।
(‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)