भाकपा माले भाजपा को शिकस्त देने वाली ताकतों के साथः दीपंकर

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भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि वर्तमान विधानसभा चुनाव में जहां जन-विक्षोभ भाजपा और उसकी सरकार के खिलाफ एक व्यापक उभार की शक्ल अख्तियार करने वाला है।

तो दूसरी तरफ मोदी सरकार, खासकर अमित शाह द्वारा एनआरसी और संशोधित नागरिक कानून को चुनाव के साथ जोड़कर न सिर्फ जनता को आतंकित करने और जनमुद्दों से ध्यान हटा देने की कोशिश की जा रही है, बल्कि लाखों गरीब, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक जनता को झारखंड से उजाड़ कर असम की तरह डिटेंशन कैंप में जनसंहार कर देने की योजना भी जनता द्वारा स्वीकार करवा लेने की पूरी कोशिश की जा रही है। झारखंड की जनता इस चुनाव में निश्चित रूप से इस तरह के जन विरोधी और जनसंहारक भाजपा शासन को पराजित करेगी।

रांची स्थित झारखंड राज्य कार्यालय में एक प्रेसवार्ता आयोजित कर भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य और राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए संकल्प पत्र और प्रत्याशियों की सूची जारी की।

प्रेसवार्ता में दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले दिनों जब भाजपा विपक्षी पार्टी हुआ करती थी तो ‘भय, भूख, भ्रष्टाचार’ के खिलाफ सिर्फ बोलती ही नहीं, बल्कि सत्ता में आने पर मिटा देने का दावा भी करती थी, लेकिन झारखंड में पिछले 19 वर्ष के शासनकाल, जो मुख्य रूप से भाजपा का ही शासनकाल था, उसमें से भी पिछले छह वर्ष का रघुवर राज में मॉब लिंचिग की लगातार जारी करीब 25 घटनाएं  और सिलसिलेवार मौत से दलित आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय में बेइंतहा आतंक भर दिया गया है।

वहीं भूख से मौत की घटनाएं भी लगातार जारी हैं, जो 30 का आंकड़ा भी पार कर चुकी हैं। भ्रष्टाचार की बात का क्या कहना! पर्दे के पीछे मंत्रियों का भ्रष्टाचार तो उतना दिखता नहीं, लेकिन योजनाओं में व्याप्त लूट और राशन डीलरों की लूट के कारण आए दिन ग्रामीण गरीब जनता बढ़ती बेरोजगारी और भुखमरी की बेबर्दाश्त हालात का सामना कर रही है।

उन्होंने कहा कि इस तरह भाजपाई शासन में भय, भूख और भ्रष्टाचार जितना चरम पर है झारखंड की जनता का भाजपा विरोधी विक्षोभ भी चरम पर है, जो भाकपा माले और वामदलों के नेतृत्व में लगातार विकसित होते आंदोलनों के जरिए एक बड़े निर्णायक आंदोलन का रूप लेने वाला है। जहां तक भाकपा माले का सवाल है, तो झारखंड के जन्मकाल से ही, शहीद जननायक महेंद्र सिंह के समय और उनके क्रांतिकारी विरासत के रूप में, आज भी विधानसभा के अंदर और बाहर जनपक्षीय सवाल, गतिविधि और आंदोलन को चलाने और उसके बीच यथोचित समन्वय कायम करने की जो मिसाल और रेकॉर्ड कायम किया है, उसकी तुलना झारखंड की किसी भी राजनीतिक ताकत या धारा से नहीं की जा सकती है। लिहाजा, भाकपा माले और वामपंथी पार्टियां इस तरह के भाजपा विरोधी जन उभार की सबसे अगली कतार में रहेंगी।

भाकपा माले इस चुनाव में कुल 16 प्रत्याशियों को 16 विधानसभा क्षेत्र में उतरेगी। बाकी सीटों में सबसे पहले जिन सीटों पर वामपंथी पार्टियां, भाजपा विरोधी ताकत के रूप में सामने आएंगी, वहां वाम दलों को और बाकी जगह में, जहां भी भाजपा को शिकस्त देने वाली जो भी ताकत दिखेगी, भाकपा माले उनके साथ मजबूती से खड़ी रहेगी।

उन्होंने कहा कि वैसे इस बार जनता निश्चित रूप से वामपंथी ताकतों को अधिक संख्या में विधानसभा में भेजेगी। इसी उम्मीद के साथ आने वाले दिनों में जनसंघर्ष के मुद्दों पर जनसंकल्प पत्र भी जारी किया जा रहा है।

(रांची से जनचौक संवाददाता विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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