Thursday, March 28, 2024

चुनाव आयोग के आंकड़े: कांग्रेस से दोगुना खर्च कर हिमाचल में चुनाव हार गई थी भाजपा

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनावों में प्रत्याशियों और पार्टियों के लिए खर्च की सीमा तय की है। चुनाव में प्रत्याशी और पार्टी जो खर्च करते हैं, उसका हिसाब चुनाव आयोग को देना पड़ता है। यह सब इसलिए किया गया है जिससे चुनाव में आम आदमी भी भागीदारी कर सके। लेकिन देश की मौजूदा चुनाव प्रणाली काफी खर्चीली है। अभी हाल ही में हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च का जो आंकड़ा आया है वह चौंकाने वाला है। सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस से दोगुना खर्च किया है।

मिली जानकारी के मुताबिक पार्टियों द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए चुनाव व्यय रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने 2022 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव अभियान पर कांग्रेस द्वारा खर्च किए गए खर्च का लगभग दोगुना खर्च किया।

जहां भाजपा ने 49,68,71,533 रुपये का व्यय घोषित किया, वहीं कांग्रेस ने रिपोर्ट में 27,01,78,819 रुपये का व्यय दिखाया है। गुजरात चुनाव, जो दिसंबर 2022 में हिमाचल प्रदेश के चुनावों के साथ हुए थे, में कांग्रेस ने चुनाव आयोग द्वारा सोमवार को प्रकाशित व्यय रिपोर्ट के अनुसार 103.62 करोड़ रुपये खर्च किए। गुजरात चुनाव में बीजेपी के खर्च का अभी पता नहीं चला है क्योंकि चुनाव आयोग ने अभी तक खर्च की रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है। हालांकि चुनाव आयोग उम्मीदवारों पर खर्च की सीमा निर्धारित करता है, लेकिन एक पार्टी द्वारा प्रचार पर खर्च की जाने वाली राशि को विनियमित नहीं किया जाता है।

हिमाचल प्रदेश में, भाजपा ने “सामान्य पार्टी प्रचार” पर 26.65 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे स्टार प्रचारकों की यात्रा पर खर्च हुए 15.19 करोड़ रुपये शामिल हैं।

दोनों दलों के खर्च का अधिकांश हिस्सा उनके उम्मीदवारों या राज्य इकाई को किया गया भुगतान था। कांग्रेस के कुल 27.01 करोड़ रुपये में से 14.80 करोड़ रुपये उम्मीदवारों के खाते में गए और भाजपा द्वारा किए गए कुल खर्च 49.68 रुपये में से 28 करोड़ रुपये पार्टी की राज्य इकाई के पास गए। कांग्रेस ने शेष 12.21 करोड़ रुपये पार्टी प्रचार पर खर्च किए। पार्टी ने स्टार प्रचारक राजीव शुक्ला, आनंद शर्मा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री बने सुखविंदर सिंह सुक्कू की यात्रा पर 5.28 करोड़ रुपये खर्च किए। 8 दिसंबर को घोषित परिणामों में, कांग्रेस ने 40 सीटें जीतीं और भाजपा ने 25 सीटें जीतीं।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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