Friday, March 29, 2024

पंजाब के 1100 मजदूर-किसान हिमायत में शाहीन बाग रवाना, साथ में ला रहे हैं लंगर के लिए रसद

शाहीन बाग मोर्चे की हिमायत के लिए आज (4 फरवरी) को पंजाब से किसानों के जत्थे दिल्ली रवाना हो गए। दोनों जत्थों में कुल मिलाकर लगभग 1100 किसान और खेत मजदूर हैं। कुछ महिलाएं और बच्चे भी इन जत्थों में हैं। जत्थे अपने साथ ‘लंगर’ के लिए आवश्यक रसदपानी भी लेकर गए हैं।

दोनों जत्थों ने ‘शाहीन बाग जिंदाबाद फासीवादी ताकतें मुर्दाबाद’, ‘संविधान का कत्ल बर्दाश्त नहीं होगा नहीं होगा’ और ‘भगत सिंह जिंदाबाद’ के सामूहिक नारे गूंजाते हुए अलग-अलग रेलवे स्टेशनों से दिल्ली के लिए गाड़ियों में सवार हुए।

किसानों का पहला जत्था भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहा) की अगुवाई में संगरूर से दिल्ली के शाहीन बाग के लिए रवाना हुआ। इस जत्थे में 800 किसान पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। यूनियन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहा ने रवाना होने से पहले बताया, “हम शांतिपूर्ण ढंग से शाहीन बाग जाकर आंदोलनकारियों का हौसला बढ़ाना चाहते हैं और बताना चाहते हैं कि पंजाब उनके साथ है।

केंद्र की भाजपा सरकार अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रही है और अत्याचारों का विरोध पंजाबियों के खून में है। हमें अगर शाहीन बाग जाने से रोका गया तो हम जंतर मंतर पर प्रदर्शन करेंगे, धरना देंगे और क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे।”

उन्होंने कहा कि 16 फरवरी को ‘पंजाब के शाहीन बाग’ मलेरकोटला में 12 किसान, मजदूर और अन्य जम्हूरी संगठन सीएए की मुखालफत में महारैली करने जा रहे हैं ताकि आरएसएस के इशारे पर काम कर रही केंद्र की मोदी सरकार को मालूम हो जाए कि हर वर्ग के लोग सांप्रदायिक तथा विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ हैं। 16 फरवरी की रैली के लिए नौ फरवरी को मलेरकोटला में घर-घर जाकर लोगों को लामबंद किया जाएगा और सूबे के अन्य इलाकों में भी ऐसा किया जाएगा। हम अपनी जान कुर्बान करके भी दिल्ली और मलेरकोटला के शाहीन बाग मोर्चे की हिफाजत और हिमायत करेंगे।

संगरूर से रवाना हुआ 1100 किसानों का यह जत्था दिल्ली में डटे आंदोलनकारियों के लिए राशन और दूध आदि साथ लेकर गया है।

इसी तरह 300 किसानों का एक अन्य जत्था मानसा से सीपीआई एमएल लिबरेशन की अगुवाई में शाहीन बाग दिल्ली के लिए रवाना हुआ। इस जत्थे का नेतृत्व लिबरेशन की केंद्रीय कमेटी के सदस्य सुखदर्शन नत्त और भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष और रुलदू सिंह कर रहे हैं। सुखदर्शन नत्त कहते हैं, “शाहीन बाग हुकूमत की तानाशाही के खिलाफ एक राष्ट्रीय प्रतीक बन चुका है। हम वहां जाकर तो आंदोलनकारियों का समर्थन कर ही रहे हैं, पंजाब में भी इस सिलसिले को जारी रखा जाएगा। जब तक कि सरकार सीएए को रद्द करने की घोषणा नहीं करती। दिल्ली के लिए रोज यहां से किसान जाएंगे।”

उधर ‘मलेरकोटला के शाहीन बाग’ में महिलाओं और बच्चों का धरना जारी है। ‌ चार फरवरी को फरीदकोट और बठिंडा की महिलाएं वहां पहुंचीं। मलेरकोटला में 16 फरवरी को सीएए के खिलाफ होने वाली महारैली के लिए कई संगठन एकजुट होकर लोगों को लामबंद कर रहे हैं। पंजाब लोक मोर्चा के अध्यक्ष अमोलक सिंह के अनुसार, “हमारी कोशिश ऐसा जनसमूह इकट्ठा करने की है जो पंजाब के लोक आंदोलनों के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। यह सूबा सदा ही फिरकापरस्त और फासीवादी ताकतों के खिलाफ लड़ता रहा है, अब भी लड़ रहा है और आगे भी लड़ेगा। शाहीन बाग आंदोलन अब दिल्ली तक सीमित नहीं रह गया।”

पंजाब के कई शहरों-कस्बों में चार फरवरी को भी विभिन्न संगठनों और महिला तथा छात्र जत्थेबंदियों ने रोष-प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि सीएए के खिलाफ और शाहीन बाग (आंदोलन) के समर्थन में हिमायतियों का काफिला पंजाब में लंबा होता जा रहा है। सीएए के खिलाफ जितनी और जैसी एकजुटता पंजाब में दिख रही है, अन्यत्र कहीं नहीं। इस बीच खबर मिली है कि पांच फरवरी को महिलाओं का एक बड़ा जत्था शाहीन बाग दिल्ली के लिए रवाना होगा।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और जालंधर में रहते हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles