लखनऊ। ओलावृष्टि, चक्रवात, तूफान और भीषण वर्षा से तबाह हुए किसानों को तत्काल राहत देने के संबंध में पूर्व आईजी और मजदूर किसान मंच के अध्यक्ष एसआर दारापुरी ने मुख्यमंत्री को ईमेल से पत्र भेजा है।
पत्र में दारापुरी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि पूरे पूर्वाचंल और विशेषकर सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली में विगत कई दिनों से जारी इस प्राकृतिक आपदा के कारण किसान तबाह हो गए हैं। कई लोगों के घर गिर गए हैं। कई की मौतें हो चुकी हैं। कई घायल हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर सरकार द्वारा कोई राहत कार्य नहीं दिख रहा है।
मिर्ज़ापुर समेत पूरे पूर्वांचल से किसानों की आत्महत्याओं की ख़बरें भी आ रही हैं। उन्होंने इस प्राकृतिक आपदा के कारण तबाह हुए किसानों को तत्काल मुआवजा देने, घायल हुए लोगों को दो लाख और मृत हुए लोगों को 20 लाख रुपये मुआवजा देने, इस प्राकृतिक आपदा के बाद बड़े पैमाने पर फैलने वाली भुखमरी को रोकने के लिए प्रत्येक पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारियों को मुफ्त 50 किलो गेहूं-चावल, दाल, सरसों का तेल, नमक, चीनी समेत आवश्यक खाद्य साम्रगी उपलब्ध कराने, सोनभद्र, मिर्जापुर चंदौली में वनाधिकार कानून के तहत वनभूमि पर दावा करने वाले किसानों को भी उनकी नष्ट हुई फसल का मुआवजा देने, हर जगह पुर्नवास की व्यवस्था तत्काल शुरू करने और राज्य स्तर पर सरकार को प्रतिदिन किए गए राहत कार्यो और स्थिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की भी मांग उक्त पत्र में की है।
उन्होंने पत्र में कहा है कि लखनऊ में प्रेस वार्ता और बैठकें करके बड़ी-बड़ी घोषणाएं करने के बजाए जमीनी स्तर पर सरकार को दिखना चाहिए। राबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों से किसानों के फोन लगातार आ रहे हैं। वहां के किसान यह बता रहे हैं कि अभी तक ग्रामीण स्तर पर कोई भी सरकारी राहत कार्य शुरू नहीं हुआ है। हालत इतनी बुरी है कि गांव में किसी भी राजस्व कर्मी को किसानों को राहत या मुआवजा देने के लिए स्थिति के आकलन तक का कोई आदेश नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि ऐसी भीषण प्राकृतिक आपदा में सरकार उन्हें राहत देने की जगह टोल फ्री नम्बर जारी कर रही है और जिलों में प्रशासनिक अधिकारी कह रहे हैं कि जो किसान 72 घण्टे में अपनी शिकायत इस नंबर पर देगा उसे ही क्षतिपूर्ति दी जाएगी। यही नहीं सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि जिस किसान ने बीमा कराया होगा या किसान क्रेडिट कार्ड लिया होगा उसे ही क्षतिपूर्ति मिलेगी।
यह सब कुछ बेहद दुखद है। इसलिए मुख्यमंत्री को पहल लेकर राहत कार्य शुरू कराना चाहिए। 26 मार्च को सोनभद्र में आयोजित लोकतंत्र बचाओ सम्मेलन में भी किसानों की मांगों को उठाया जाएगा।