Wednesday, April 24, 2024

‘सरकार संवाद करने की जगह अपनाती है दमन का रास्ता’

इंदौर। किसान संघर्ष समिति ने 23वां शहीद किसान स्मृति सम्मेलन मनाया। इसमें किसान विरोधी तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग की गई। कहा गया कि प्रधानमंत्री को खुद आगे आकर किसानों के समक्ष तीनों कानून वापस लिए जाने का एलान करना चाहिए।

डॉ. सुनीलम की अध्यक्षता में सम्मेलन शुरू होने के पहले परमंडल स्थित शहीद स्तंभ पर श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने किसान संघर्ष समिति के संस्थापक, प्रदेश अध्यक्ष टंटी चौधरी जी को याद किया, जिन्होंने परमंडल गांव में 23 वर्ष पहले किसान संघर्ष समिति की शुरुआत की थी। 24  शहीद किसानों के साथ-साथ शहीद जवान मनोज चौरे को भी श्रद्धांजलि दी गई।

मुलताई से लौटकर किसान संघर्ष समिति मालवा निमाड़ के संयोजक रामस्वरूप मंत्री तथा प्रदेश सचिव दिनेश सिंह कुशवाहा ने बताया कि श्रद्धांजलि का मुख्य कार्यक्रम बस स्टैंड पर हुआ, जहां 24  शहीद किसानों के शिलालेख को रख कर श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि कार्यक्रम को मालवा-निमाड़ क्षेत्र संयोजक रामस्वरूप मंत्री, प्रदेश सचिव दिनेश सिंह कुशवाह, इंद्रसेन निमोनकर, प्रदेश सचिव राजकुमार सनोडिया ने संबोधित किया।

इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. सुनीलम ने कहा कि सरकार ने 23 वर्षों में मुलताई गोली चालन से कोई सबक नहीं सीखा है। उन्होंने कहा कि गोली चालन के बाद सरकार द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग ने सरकार और आंदोलनकारियों के बीच संवाद को सर्वाधिक महत्व दिया था, लेकिन सरकारें आज भी आंदोलनकारियों के साथ संवाद करने के लिए तैयार नहीं होतीं, तथा दमन का रास्ता अपनाती हैं।

मुलतापी किसानी घोषणा पत्र में प्रधानमंत्री से मांग की गई है कि वे स्वयं 15 जनवरी की बैठक में जाकर तीन किसान विरोधी कानून रद्द करने की घोषणा करें। किसानी घोषणा पत्र में कहा गया है कि सात लाख किसानों द्वारा की गई आत्महत्याएं वास्तव में सरकारों द्वारा की गई संस्थागत हत्याएं हैं, इसलिए आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारजनों को पचास लाख मुआवजा राशि दी जानी चाहिए। सम्मेलन ने देश भर में चल रहे अनिश्चितकालीन किसान आंदोलन का समर्थन किया है, तथा देश के किसानों को 18 जनवरी को महिला किसान दिवस तथा 23 जनवरी को किसानों की परेड में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की किसानों से अपील की है।

डॉ. सुनीलम ने देश के श्रमिक संगठनों एवं किसान संगठनों के साथ मिलकर किसान विरोधी कानून रद्द कराने तथा श्रमिक विरोधी चार कोड रद्द कराने की अपील की है। किसानी घोषणा पत्र में कहा है कि कोरोना काल में बेरोजगारों की संख्या बढ़कर 15 करोड़ पहुंच जाना दूसरी तरफ अडानी अंबानी की आय में तीन लाख करोड़ की वृद्धि होना यह बतलाता है कि देश की केंद्र सरकार ने 2014 के बाद केवल और केवल अडानी-अंबानी को लाभ दिलाने की नीतियां बनाने का काम किया है।

सम्मेलन में 24 शहीद किसानों की स्मृति में उनके परिवार के सदस्यों को सम्मानित किया गया तथा विद्या मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से 24 प्रथम आई छात्राओं को स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र और 200 रुपये की राशि से सम्मानित किया गया। सम्मेलन के समक्ष यात्रा, शिविर तथा सम्मेलन का हिसाब सम्मेलन के समक्ष भागवत परिहार ने रखा।

जगदीश दोड़के, सीताराम नरवरे, शेषराव सूर्यवंशी, लक्ष्मण बोरबन, कृष्णा ठाकरे, अशोक बरोदे, डखरू महाजन, विनोदी महाजन, तीरथ सिंह बलिहार, हेमराज देशमुख, कैलाश डोंगरदिए, राधे कसारे, मोतीराम चौहान, आशा दोड़के, सुमन बाई कसारे, अनीता परिहार, ताराबाई, अनिल सोनी आदि समेत सैकड़ों कार्यकर्ता कार्यक्रम में शामिल हुए।

पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष चुने गए
सम्मेलन में नई कार्यकारिणी के चुनाव में पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम अध्यक्ष चुने गए। नई कार्यकारिणी में निम्न पदाधिकारियों का भी चयन किया गया। उपाध्यक्ष- एड. आराधना भार्गव (छिंदवाड़ा), डॉ. एके खान (कटनी); महामंत्री- टीआर आठ्या (रायसेन), राजेंद्र पुरोहित (नीमच), इंद्रजीत सिंह (रीवा); रामस्वरूप मंत्री मालवा-निवाड़ क्षेत्र संयोजक (इंदौर); प्रदेश सचिव- महेश पटेरिया (टीकमगढ़), राजेश बैरागी (झाबुआ), लीलाधर चौधरी (देवास), श्रीराम सेन (सिलवानी), डॉ. राजकुमार सनोडिया (सिवनी), दिनेश सिंह कुशवाह ( इंदौर), निसार आलम अंसारी (सिंगरौली); जिलाध्यक्ष- जगदीश दोड़के (बैतूल), राजेश तामेश्वरी (विदिशा), दिलीपसिंह पाटीदार (मंदसौर), गोपाल डामोर (झाबुआ), रमेश परिहार (ग्वालियर), राजकुमार नागेश्वर (बालाघाट), योगेश तिवारी (हरदा), त्रिनेत्र शुक्ला (रीवा); महेंद्र सिंह यादव (अशोक नगर), रामसिंह कुलस्ते (मंडला), सुधीर शुक्ला (जिला महामंत्री, टीकमगढ़),रमेश यादव, (प्रदेश महामंत्री, उत्तर प्रदेश) दिनेश यादव (जिलाध्यक्ष, आजमगढ़ उ.प्र.), गोपाल मणि पाण्डेय (जिलाध्यक्ष, गाजीपुर उ.प्र.) महामंत्री- भागवत परिहार (बैतूल) चुने गए हैं।

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