‘कौए और कुत्ते की मौत मरूंगा लेकिन बीजेपी को वोट नहीं दूंगा’

Estimated read time 1 min read

अहमदाबाद/पाटन। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को एक बार फिर पाटीदार युवकों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। उन्होंने न केवल उनकी सभा में खलल डाला बल्कि जमकर कुर्सियां उछालीं। इस बीच दलित युवा नेता जिग्नेश मेवानी भी सक्रिय हो गए हैं। वो गुजरात चुनाव से पहले हूं कागड़ा अने कुतरा नी मौत मारीश पण क्यारे बीजेपी ने वोट नहीं आपीश (कौवे और कुत्ते की मौत मरूंगा लेकिन कभी भी बीजेपी को वोट नहीं दूंगा) की शपथ दलित समाज को दिलवा रहे हैं।

शाह फिर हुए पाटीदारों के गुस्से के शिकार

रविवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सरदार पटेल के गांव से गौरव यात्रा को हरी झंडी दिखाने गुजरात आये थे। लेकिन भाजपा कार्यकर्ता के वेष में पाटीदार नौजवान उसमें छुपे बैठे थे जैसे ही अमित शाह माइक पर बोलने आये 50 से 60 पाटीदार युवक कुर्सी छोड़कर खड़े हो गए और उन्होंने पर्चे बांटने शुरू कर दिए। जिसमें उनका कहना था कि किस बात का गौरव? 14 पाटीदारों की हत्या का गौरव ? इसके साथ ही उन्होंने अमित शाह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। और फिर कुछ लोगों ने कुर्सियां उछालनीं शुरू कर दी। उसके बाद सैकड़ों की संख्या में एक साथ बाहर आ गए। इस दरमियान पुलिस की मौजूदगी में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पाटीदारों से मार पीट भी की। अमित शाह इन सब के बीच अपना भाषण जारी रखते हुए जनता को 1995 से पहले का शासन की याद दिला रहे थे जब वर्ष में तीन चार बार दंगे होते थे। शहर में कर्फ्यू लग जाता था। राहुल गाँधी की यात्रा के दरमियान उठाये प्रश्नों पर शाह ने पहले उनकी तीन पीढ़ी के शासन का हिसाब माँगा और कहा कि उसके बाद ही उनसे राहुल को प्रश्न करना चाहिए।

दलित ले रहे हैं बीजेपी के खिलाफ शपथ

करमसद से 200 किलोमीटर दूर जिग्नेश मेवानी पाटन जिले के सुईगाम तहसील के कणोंठी गांव में दलित चेतना सम्मलेन कर रहे थे। जिग्नेश ने 1000 दलितों को बाबा साहेब के नाम पर शपथ दिलाई। जिसमें उन्होंने कहा कि “कौवे और कुत्ते की मौत मरेंगे लेकिन कभी भी बीजेपी को वोट नहीं करेंगे”। जिग्नेश मेवानी ने दलितों को राज्य में हो रहे अत्याचार को याद दिलाते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि दलित विरोधी, संविधान विरोधी हिन्दुत्ववादी बीजेपी सरकार को गिरा दिया जाये।

महेरिया ने थामा आपका दामन

इस बीच दलित मोर्चे पर एक नया विकास हुआ है। रविवार को राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के सह संयोजक राकेश महेरिया और उनके 200 दलित साथियों ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता हासिल कर ली। राकेश महेरिया ने जिग्नेश मेवानी के साथ ऊना आन्दोलन से लेकर धनेरा पद यात्रा सहित रेल रोको, रास्ता रोको इत्यादि आन्दोलनों में अहम भूमिका निभाई थी। आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष किशोर भाई देसाई, दलित मोर्चे के अध्यक्ष जे जे मेवाड़ा और महामंत्री राजेश पटेल की उपस्थिति में महेरिया ने आम आदमी पार्टी की टोपी पहनी।

प्रेस वार्ता में महेरिया ने कहा कि गुजरात में बीजेपी का शासन कांग्रेस की सहमति और सहयोग से है। उसने विपक्ष की भूमिका नहीं निभाई। जिसके चलते समाज के लोग खुद खड़े हुए, आन्दोलन किये, पुलिस के डंडे खाए। आम आदमी पार्टी ने हमारे दलित समाज के मुद्दों पर सहमति दी है। राज्य में सत्ता विरोधी लहर है अब हम अपने हक की लड़ाई सड़क पर लड़ने के बाद विधान सभा में लड़ेंगे। चुनाव लड़ने के सवाल पर महेरिया ने कहा कि यह पार्टी तय करेगी कि मेरी क्या भूमिका होगी। यदि चुनाव लड़ना पड़ा तो मैं सुरक्षित सीट के बजाय सामान्य सीट से लड़ना पसंद करूँगा।

महेरिया वेजलपुर विधासभा के निवासी हैं। ऊना पदयात्रा वेजल पुर से ही शुरू हुई थी। वेजलपुर विधानसभा में दलितों की संख्या 40000 है। जबकि एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। दलित-मुस्लिम समीकरण से आप का इस विधान सभा से खाता भी खुल सकता है। ऐसे में महेरिया आप के संभावित उम्मीदवार के तौर पर देखे जा रहे हैं।

please wait...

You May Also Like

More From Author

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments