वाराणसी। मार्च का महीना जाते-जाते किसानों को साल भर तक नहीं भरने वाले जख्म दे गया। मार्च के दूसरे सप्ताह में हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसान अपनी फसल को संभाल भी नहीं पाए थे कि अंतिम सप्ताह में हुई बारिश और तूफानी हवा ने किसानों का दोहरा नुकसान कर दिया। भीगने से गेहूं की कटाई और मड़ाई का कार्य एकदम से ठप हो गया है।
कहीं-कहीं तो खेतों में ही फसलों में अंकुरण भी होने लगा है। दरअसल पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, सोनभद्र, मऊ, भदोही, बलिया, आजमगढ़, मिर्जापुर समेत पूर्वांचल और समूचे उत्तर प्रदेश में हुई बारिश, ओलावृष्टि, तूफानी हवा ने रबी की फसलों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। प्रदेशभर में रुक-रुक कर हुई बारिश से वाराणसी में आकाशीय बिजली गिरने से बाबतपुर निवासी बत्तीस वर्षीय परमेश पटेल की मौत हो गई।
गत गुरुवार और शुक्रवार को हुई बारिश और तेज हवा ने कृषि प्रधान जनपद चंदौली, गाजीपुर, मऊ, सोनभद्र, मिर्जापुर, बलिया, भदोही, जौनपुर, आजमगढ़ और वाराणसी में रुक-रुक कर लगातार बारिश होती रही। बारिश के दौरान आसमान में जोरदार बिजली भी कड़क रही थी। बारिश के थमने के बाद 20-22 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से चली हवा ने हर तरह की फसलों को खेतों में ही गिरा दिया है।
फसलों को नुकसान, सदमे में किसान
मार्च के अंतिम दिनों में हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। गेहूं, सरसों, चना, मटर, अरहर, मसूर और जौ समेत अन्य फसलों को सत्तर फीसदी तक नुकसान पहुंचा है। चंदौली के किसान कुबेरनाथ मौर्य का कहना है कि पक कर तैयार बालियों के भीगने से अनाज के दानों में हल्कापन और फफूंद लगने से कालेपन की समस्या बढ़ गई है।
इससे उपज को मंडी या बाजार में अच्छा दाम नहीं मिलेगा। मौसम के बिगड़े मिजाज को देखते हुए पूर्वांचल के गेहूं किसान जल्दबाजी में हार्वेस्टर से मड़ाई करा रहे हैं। इससे अनाज तो घर पहुंच रहा है, लेकिन मवेशियों के लिए चारे-भूसे का संकट खड़ा हो गया है। बारिश से हरे चारे पर प्रभाव पड़ा तो किसानों पर दोहरी मार तय समझिये।
बारिश में आंकड़ों का खेल
वाराणसी में 45 फीसदी और चंदौली में साठ फीसदी गेहूं की फसल बारिश से प्रभावित हुई है। सबसे कम आजमगढ़ में आठ फीसदी फसल प्रभावित हुई है। मिर्जापुर में सर्वाधिक 33732 किसानों ने फसल बीमा कराया है, वहीं आजमगढ़ में सबसे कम 1100 किसानों ने बीमा कराया है।
वाराणसी में सबसे अधिक 773 किसानों ने बीमा क्लेम किया है। वहीं, बलिया में सबसे कम महज दो किसानों ने बीमा के लिए क्लेम किया है। इनमें से सैकड़ों किसानों को अबतक फसल बीमा की राशि नहीं मिली है। पूर्वांचल में 1,25,000 किसानों ने फसल बीमा कराया है। इसमें से सिर्फ 1500 किसानों ने फसल बीमा का दावा किया है।
वाराणसी के जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह मौर्य ने बताया कि “जिन किसानों ने फसल बीमा कराया है, किन्तु किन्हीं कारणों से उनके द्वारा 72 घंटे के भीतर ऑनलाइन शिकायत नहीं की गई है तो ऐसे किसानों को भी बीमा कंपनी के द्वारा ग्राम पंचायत स्तर हुई क्रॉप कटिंग के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा।
जनपद प्रतिशत कृषि बीमा दावा
वाराणसी 45 10545 773
सोनभद्र 10 17705 07
बलिया 15 190000 02
मऊ 12 4837 340
गाजीपुर 10 16500 15
जौनपुर 11 12779 68
आजमगढ़ 08 1100 05
मिर्जापुर 10 33732 225
भदोही 25 5661 34
चंदौली 11 5426 35
बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो.एनएस ने “जनचौक” को बताया कि मौसम के इस बेढंग अंदाज से दिन का तापमान सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस गिरकर 30 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। वहीं बारिश और तेज हवा का दौर शनिवार से अगले दो दिन यानी सोमवार तक ठहर सकता है।
लेकिन इसके बाद मंगलवार और बुधवार को तेज हवा-तूफान की आशंका है। इस विपरीत मौसम में किसान भाई दलहन, तिलहन और रबी की पकी फसलों को खेत से निकालने का प्रयास करें।
(पूर्वांचल से पवन कुमार मौर्य की रिपोर्ट।)