Friday, March 29, 2024

झारखंडः 43 नेताओं के क्रिमनल रिकॉर्ड पर सभी की मौन सहमति

झारखंड में चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक चहल-पहल रफ्तार पकड़ रही है, जबकि चुनाव की घोषणा के पहले ही झारखंड हाइकोर्ट के आदेश पर सीआईडी ने 62 विधायकों के क्रिमिनल केस की फाइल कोर्ट को सौंप दी है। फिर भी चुनावी समर में कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है।

बता दें कि झारखंड अगेंस्ट करप्शन की याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि झारखंड के पूर्व और वर्तमान विधायकों में दागी सभी 56 पर आखिर सरकार क्या कर रही है? हाइकोर्ट ने मामले पर एक स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी, जिसके आलोक में पुलिस विभाग ने कोर्ट में एक रिपोर्ट सौंप दी है।

रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड के 62 विधायकों पर क्रिमिनल केस चल रहे थे, लेकिन उनमें से 19 विधायकों को केस से बरी किया जा चुका है। बाकी 43 विधायकों का मामला कोर्ट में लंबित है। इनमें से 12 विधायकों के केसों में पेशी चल रही है। दो विधायकों के केस में बहस जारी है। छह विधायकों का केस अंडर ट्रायल है। छह विधायकों पर चार्ज फ्रेम होना है। एक बेल पर हैं। बाकी कोर्ट के अलग-अलग प्रॉसेस में शामिल हैं।

सरकार की तरफ से पुलिस विभाग ने जो आंकड़े कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं, उस पर विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने अपनी पार्टी या सहयोगी पार्टी पर चल रहे केस को छिपाने की कोशिश की है।

पूर्व विधायक योगेंद्र महतो का कहना है कि रिपोर्ट में आजसू के चंद्र प्रकाश चौधरी पर चल रहे केसों का उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर पूर्व विधायकों का भी जिक्र उस रिपोर्ट में करना था तो चंद्र प्रकाश चौधरी पर चल रहे मुकदमों का जिक्र क्यों नहीं हुआ?

यहां तक कि बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो के खिलाफ भी एक ही केस का उल्लेख सरकार की स्टेटस रिपोर्ट में किया गया है, जबकि उन पर लगभग 30 मामले दर्ज हैं।

पूर्व व वर्तमान विधायकों पर केस की स्थिति

अमित महतोः  दो केस कोर्ट में हैं। दोनों केस में इन पर 147, 341, 323, 427, 447, 342, 145, 149, 290 और 427 जैसी आइपीसी की धारा के तहत केस चल रहा है।

जानकी प्रसाद यादवः एक केस कोर्ट में है। इन पर 323, 354, 406, 504, 511 जैसी आइपीसी की धारा के तहत केस चल रहा है।

एनोस एक्काः  कोर्ट में दो केस चल रहा है। एक पर बहस जारी है और दूसरा अंडर ट्रायल है। इन पर 143 और 188 के तहत केस चल रहा है।

हेमंत सोरेनः एक केस कोर्ट में है। इन पर 144, 506 और 171 डी के तहत केस चल रहा है।

साधु चरण महतोः दो केस कोर्ट में पेंडिंग हैं। दोनों में पेशी चल रही है। इन पर 147, 148, 149, 341, 325, 353, 342, 283, 186, 188 और 506 की धारा के तहत केस चल रहा है।

देवेंद्र कुमार सिंहः एक केस कोर्ट में पेंडिंग है। इस केस में कोर्ट की तरफ से चार्ज फ्रेम होना बाकी है। इन पर 143, 341, 353, 355, 290, 504 और 506 धारा के तहत केस चल रहा है।

कुशवाहा शिव पूजन मेहताः तीन केस कोर्ट में पेंडिंग हैं। तीनों केसों में इन पर चार्ज फ्रेम होना बाकी है। इन पर 143, 341, 353, 355, 290, 504, 506 और 342 धारा के तहत केस चल रहा है।

भानू प्रताप शाहीः एक केस कोर्ट में पेंडिंग है। केस में कोर्ट की तरफ से चार्ज फ्रेम होना है। इन पर 323, 427 और 171 एफ के तहत केस चल रहा है।

निर्मला देवीः सरकार की तरफ से सौंपी गई रिपोर्ट में सबसे ज्यादा केस हजारीबाग के बड़कागांव विधायक निर्मला देवी पर दर्ज हैं। कोर्ट में आठ केस इन पर पेंडिंग हैं। पुलिस की तरफ से इनके आठ केस में सिर्फ एक केस जो पतरातू के भुरकुंडा थाना में है, उसमें 143, 147, 149 और 188 के तहत केस चल रहा है।

राजकुमार यादवः कोर्ट में एक केस पेंडिंग है। इन पर 147, 341 और 323 धारा के तहत केस चल रहा है।

गणेश गंझूः एक केस कोर्ट में पेंडिंग है। इन पर 143, 144, 145, 147, 148, 149, 152, 341, 323, 353, 427, 283, 188 और 337 धारा के तहत केस चल रहा है।

ढुल्लू महतोः सरकार की तरफ से कोर्ट में दिए गए हल्फनामे में सिर्फ एक ही केस का जिक्र है, जिसमें धारा का उल्लेख नहीं है, जबकि इन पर विभिन्न थानों में 30 से अधिक मामले दर्ज हैं।

संजीव सिंहः दो केस कोर्ट में पेंडिंग हैं। दोनों केस में चार्ज फ्रेम हो चुका है, लेकिन सरकार के हलफनामे में धाराओं का जिक्र नहीं है।

जगरनाथ महतोः एक केस कोर्ट में दर्ज है। इन पर 147, 148, 149, 188, 323, 307 और 353 धारा के तहत केस चल रहा है।

सीता सोरेनः एक केस कोर्ट में पेंडिंग है। धारा 427 के तहत केस चल रहा है।

इरफान अंसारीः एक केस कोर्ट में पेंडिंग है। एक पर स्टे लगा हुआ है। एक में पेशी होनी बाकी है। इन पर 147, 148, 325, 379, 506, 384, 379, 323, 341, 385 और 427 धारा के तहत केस चल रहा है।

प्रदीप यादवः दायर सरकारी हलफनामे के मुताबिक इन पर पांच केस कोर्ट में पेंडिंग हैं। इन पर 147, 148, 1498, 323, 307, 332, 333, 353, 120 बी, 224, 505, 117, 34, 42, 188 और 171 धारा के तहत केस चल रहा है।

जो हो गए हैं बरी

नवीन जायसवालः हटिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक नवीन जायसवाल को जगरनाथपुर थाना केस संख्या 178/12 में धर्मेंद्र कुमार की कोर्ट ने बरी कर दिया है।

अमित महतोः पूर्व सिल्ली विधायक को सिल्ली थाना के केस संख्या 48/15 में परमानंद उपाध्याय की कोर्ट में बरी किया जा चुका है।

सरयू रायः पश्चिमी जमशेदपुर के विधायक और सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय को रांची के चुटिया थाना के केस संख्या 36/10 में बरी किया जा चुका है।

एनोस एक्काः पूर्व विधायक एनोस एक्का को कर्रा थाना के केस संख्या 24/14 और 29/14 में बरी किया जा चुका है।

शशि भूषण सामाड़ः चक्रधरपुर थाना के केस नंबर 110/15 में बरी कर दिया गया  है।

साधुचरण महतोः चांडिल थाना केस नंबर 155/14 में बरी कर दिया गया है।

देवेंद्र कुमार सिंहः तरहासी थाना केस संख्या 67/14 में बरी कर दिया गया है।

योगेंद्र महतोः रामगढ़ केस संख्या 342/08 में बरी कर दिया गया है।

हेमंत सोरेनः दुमका टाउन थाना केस संख्या 294/14 और 295/15 सहित बोरियो थाना के केस संख्या 366/14 में भी बरी कर दिया गया है।

लुईस मरांडीः दुमका टाउन थाना केस संख्या 309/14 में बरी कर दिया गया है।

ताला मरांडीः बोरिया नगर थाने के केस संख्या 270/14 में बरी कर दिया गया है।

प्रदीप यादवः गोड्डा थाना केस संख्या 37/17 में बरी कर दिया गया है।

सत्यानंद झाः पूर्व विधायक सत्यानंद झा बाटुल को केस संख्या 218/14 में बरी कर दिया गया है।

राज पलिवारः देवघर थाना केस संख्या 245/09 में बरी कर दिया गया है।

रणधीर कुमार सिंहः पालाजोरी केस संख्या 13/10 में बरी कर दिया गया है।

नारायण दासः देवघर थाना में केस संख्या 727/14 में बरी कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि झारखंड के इन माननीयों में एक नाम है ढुल्लू महतो। भाजपा के बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो के नाम का कोयलांचल में इतना दबदबा है कि धनबाद कोयलांचल क्षेत्र में बिना इनकी मर्जी के कोयले एक टुकड़ा भी इधर से उधर नहीं होता है। कोयला उठाव का मामला हो या ओपेन कास्ट के तहत आउट सोर्सिंग का काम, बिना इनकी इजाजत के मजदूर भी काम नहीं करते हैं। जिन कंपनियों के लिए मजदूर काम करते हैं वे कंपनिया मजदूरों की मजदूरी का एक बड़ा हिस्सा विधायक को देते हैं।

इससे तंग आकर बाघमारा विधानसभा के केके रेलवे साइडिंग में कोयले से पत्थर अलग करने वाले मजदूरों ने राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास से गुहार लगाई थी कि ढुल्लू महतो को इस बार टिकट नहीं दिया जाए। उनका आरोप है कि उन्हें कंपनी द्वारा 12 हजार रुपये मजदूरी मिलनी चाहिए, मगर कंपनी तीन-चार हजार रुपये ही देती है, बाकी पैसा विधायक के पास बतौर रंगदारी जाता है। आउट सोर्सिंग कंपनियां मजदूरों का पैसा काटकर विधायक को रंगदारी देती हैं, लेकिन मजदूरों की इस गुहार का भाजपा की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा और ढुलू महतो को पार्टी ने पुन: टिकट दे दिया है।

बताते चलें कि ढुलू महतो का रघुवर दास से काफी गहरा रिश्ता है। इस रिश्ते के पीछे की सच्चाई जग जाहिर है।

(रांची से जनचौक संवाददाता विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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