झारखंड चुनाव : चुनाव आयोग ने देवघर के एसपी को हटाया, बढ़ा विवाद

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झारखंड विधानसभा चुनाव के बीच कई राजनीतिक गतिविधियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर भी राजनीति हलचल 

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में कई राजनीतिक हलचलों के बीच अब राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर भी राजनीति हलचल शुरू हो गई है। 

प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर हो रही राजनीतिक हलचल फिलहाल देवघर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को चुनाव आयोग द्वारा अचानक हटाने का फरमान जारी किए जाने के बाद शुरू हुई है।

भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन पदाधिकारी को देवघर एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को हटाए जाने को लेकर आदेश पत्र भेजा है। चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव कार्य में अनियमितता, गड़बड़ी या पक्षपात के आरोप में पूर्व में पद से हटाये गये पदाधिकारी को किसी भी चुनाव में महत्वपूर्ण पद पर नहीं रखा जा सकता है।

चुनाव आयोग ने देवघर एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को तत्काल पद से हटाने का फरमान जारी करते हुए देवघर एसपी के पद पर नए ऑफिसर की तैनाती के लिए तीन आईपीएस अधिकारियों के नाम का पैनल मांगा है।

गृह विभाग अब तीन आइपीएस अधिकारियों का नाम आयोग को भेजेगा। जिसके बाद आयोग की स्वीकृति पर देवघर एसपी के रूप में पोस्टिंग की जायेगी और इस सम्बन्ध में आदेश जारी किया जाएगा।

पिछले लोकसभा चुनाव 2024 में अजीत पीटर डुंगडुंग को देवघर एसपी रहने के दौरान ही निर्वाचन आयोग के निर्देश पर हटा दिया गया था। एसपी डुंगडुंग के खिलाफ यह कार्रवाई निशिकांत दुबे पर किये गये एक एफआइआर को लेकर हुई थी।

पिछले 28 मार्च को तीन केस में फरार चल रहे आरोपी शिवदत्त शर्मा ने गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले को लेकर सांसद निशिकांत दुबे ने डुंगडुंग पर यह आरोप लगाते हुए कि कोई फरार आरोपी कैसे थाना पहुंच कर प्राथमिकी दर्ज करवा सकता है, एसपी के विरुद्ध आयोग में शिकायत दर्ज करायी थी।

जिसके बाद निर्वाचन आयोग के निर्देश पर देवघर एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को हटा दिया गया था। लेकिन चुनाव के बाद दोबारा उन्हें देवघर एसपी बना दिया गया।

बताया जा रहा है एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग पर और भी कई आरोप हैं। उनपर एक दिव्यांग को भी जेल भेजने का आरोप है। इसके अलावा आये दिन किसी न किसी विवाद में उनका नाम सामने आता रहा है।

अजीत पीटर डुंगडुंग को हटाने के आदेश के बाद झारखंड का चुनावी माहौल में गर्माहट आ गई है। जहां एक तरफ सोशल मीडिया पर दलित-आदिवासी अफसरों को लेकर कमेंट शुरू हो गए हैं, वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद इसकी कमान संभाल ली है। 

हेमंत सोरेन ने जहां इसे लेकर भाजपा को दलित और आदिवासी विरोधी करार दिया है और इसे लेकर एक्स पर ट्वीट कर लिखा है – 

“दलित IAS अफ़सर को हटाया गया, लगातार परेशान किया गया।

अब आदिवासी IPS अफसर को लगातार परेशान किया जा रहा है।

आख़िर क्यों दलितों/आदिवासियों से भाजपा को इतनी परेशानी है?”

वहीं मुख्यमंत्री के ट्वीट के जवाब में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठिये और आदिवासी संख्या की गिरावट पर राग अलापा है। 

सांसद दुबे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पोस्ट को टैग करते हुए लिखा है –

“अजय कुमार सिंह दलित DGP को हटाकर अनुराग गुप्ता को अमित अग्रवाल के कहने पर बनाया, मंजूनाथ को हटाकर वरुण रंजन, अमित दास रेणू को हटाकर मिश्रा जी, डूब मरिए। अधिकारी भी दलित होता है पहली बार सुना। घबराहट कभी हुई कि आदिवासी कैसे घट गए ? बांग्लादेशी घुसपैठिया कैसे बढ़ गए? राम नाम…,,.,।”

उल्लेखनीय है कि एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग झारखंड पुलिस विभाग SAP के 2011 बैच के आईपीएस हैं। वे झारखण्ड के रहने वाले हैं और उनका जन्म 03 जुलाई 1970 को हुआ। अजीत पीटर ने बीए में डिग्री हासिल की है। उन्हें 2009 में राष्ट्रपति वीरता पदक (पीएमजी) से सम्मानित किया जा चुका है।

(विशद कुमार वरिष्ठ पत्रकार हैं और झारखंड में रहते हैं।)

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