माइक्रोफाइनेंस के कर्जे बन रहे गरीबों की आत्महत्या का कारण

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लखनऊ। भाकपा-माले ने कहा है कि माइक्रोफाइनेंस के कर्जे गरीबों की आत्महत्या का कारण बन रहे हैं। पार्टी की चार सदस्यीय टीम महाराजगंज जिले में कोठीभार थाना अंतर्गत ग्राम बेलभरिया में कर्ज के दबाव में खुदकुशी करने वाली महिला के घर पहुंच कर पीड़ित परिवार से भेंट की और सांत्वना दी।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मंगलवार को टीम के हवाले से बताया कि स्वयं सहायता समूह चलाने वाली ऋणदाता आरोहण मइक्रोफाइनेंस कंपनी से मजदूर परिवार की अंगिरा (महिला, 27) ने 45 हजार रुपये कर्ज लिया था।

ऋण अदायगी में 14 किस्तें उन्होंने जमा कर दी थीं। गरीबी और घर के सदस्यों के इलाज के चलते वह आगे की किस्तें जमा नहीं कर पा रही थीं। कंपनी के एजेंटों के दबाव, धमकी व अपमान से आजिज आकर महिला ने विगत 9 जनवरी को फांसी लगाकर जान दे दी।

मृतका के पति मुकेश मजदूरी करते हैं। घर में लकवाग्रस्त पिता और दो छोटे बच्चे हैं। परिवार के पास मात्र तीन डिसमिल जमीन है। पुलिस ने पोस्टमार्टम करा कर शव परिजनों को सौंप दिया, लेकिन कंपनी वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की। प्रशासन का कोई अधिकारी पीड़ितों के यहां झांकने भी नहीं आया।

राज्य सचिव ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा, ऋणदाता कंपनी के खिलाफ कार्रवाई और गरीबों की कर्जमाफी की मांग की। भाकपा -माले टीम का नेतृत्व राज्य समिति सदस्य हरीश जायसवाल ने किया।

टीम में जिला सचिव संजय निषाद, मोहन पासवान और जी विश्वकर्मा शामिल थे। इस सिलसिले में पार्टी नेता जिला प्रशासन के अधिकारियों से जल्द मिल कर मांगों पर कार्रवाई के लिए बात करेंगे।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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