अल्पसंख्यकों को रिझाने में जुटी गुजरात की बीजेपी सरकार

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अहमदाबाद। गुजरात में बीजेपी ने अपनी डूबती नैया को बचाने के लिए अब अल्पसंख्यकों के पतवार का सहारा लेने का फैसला किया है। इसके तहत उसने इस तबके को रिझाने का बाकायदा कार्यक्रम तैयार किया है। इसी के तहत सरकार और पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे के बैनर के नीचे अहमदाबाद में एक बड़ा जमावड़ा किया गया। जिसमें केंद्रीय अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी समेत कई नेताओं ने शिरकत की। गुजरात अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम द्वारा आयोजित चेक वितरण समारोह में केन्द्रीय अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि किसी समाज का विकास बिना तुष्टीकरण के कैसे होता है वह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से सीखना चाहिए। पिछले सत्तर वर्षों में कांग्रेस ने सिर्फ वोट के लिए तुष्टीकरण की राजनीति की है। तुष्टीकरण के बजाय विकास की रोशनी अल्पसंख्यकों तक पहुंचाई होती तो गरीबी रेखा के नीचे 50% से अधिक मुस्लिम परिवार नहीं होते। 

उन्होंने कहा कि हम तुष्टीकरण न कर अल्पसंख्यकों के लिए ख्वाजा गरीब नवाज़ स्किल डेवलपमेंट तथा सीखो और कमाओ जैसी स्कीम से अल्पसंख्यकों को रोज़गार मुहैय्या करा रहे हैं। बेगम हज़रत महल स्कालरशिप से अल्पसंख्यक छात्रों को लाभ मिल रहा है। पहली बार 50 से अधिक मुस्लिम छात्र सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर बड़े ओहदों पर बैठेंगे। सरकार अल्पसंख्यक छात्रों को नई उड़ान स्कीम से सिविल सर्विसेज की कोचिंग के लिए प्रोत्साहित कर रही है हमने कांग्रेस की तरह कभी भी शोर नहीं मचाया। अल्पसंख्यकों में भय के माहौल पर नकवी ने कहा कि भय अल्पसंख्यकों में नहीं भ्रष्टाचारियों में है, बेईमानों में है जो अभी और भी बढ़ाया जायेगा। 

बताते चलें इस वर्ष के अंत में गुजरात विधान सभा का चुनाव है भाजपा को सब से अधिक राजनैतिक ऊर्जा गुजरात से ही मिलती है। पूरे राज्य में राजनैतिक सरगर्मियां तेज़ हो चुकी हैं। अगले महीने राहुल गांधी 12 दिनों के दौरे पर गुजरात आ रहे हैं। गुजरात में विपक्ष के कमजोर होने के बावजूद सामाजिक आन्दोलनों ने भाजपा का गणित बिगड़ रखा है। ऐसे में भाजपा की नज़र अल्पसंख्यक वोटों पर है। कांग्रेस के अल्पसंख्यक मोर्चे के मुकाबले में भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा अधिक सक्रियता से चुनावी तैयारी कर रहा है। शनिवार को निगम द्वारा 535 अल्पसंख्यक समाज एवं दिव्यांग लाभार्थियों को 5 करोड़ रुपये बांटे गए। 

गुजरात अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन सूफी संत महबूब अली चिश्ती ने बताया कि इस समारोह 535 लाभार्थियों में 471 मुस्लिम हैं। जबकि अन्य जैन, इसाई, पारसी तथा सिख लाभार्थी हैं। 3 करोड़ 72 लाख मुद्दती लोन हैं, 66 लाख 44 हज़ार रुपये छात्रों को शिक्षा के लोन के लिए दिया जा रहा है। 77 लाख 63 हज़ार रुपये का चेक 100 दिव्यांग लाभार्थियों को दिया जा रहा है। सूफी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि 10 वर्ष के यूपीए शासनकाल में केंद्र सरकार ने गुजरात अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम को एक रुपये भी नहीं दिए। जिस कारण यह निगम बंद था। 2002 में वाजपेयी सरकार ने 60 करोड़ दिए थे। 2015 में निगम दोबारा शुरू हुआ तब से अब तक हम 20 करोड़ बांट चुके हैं। यह पहला मौक़ा था जब अल्पसंख्यकों के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विजय रूपानी खुद हाजिर रहे। 

विजय रूपानी ने कहा कि वो सभी समाज को एक दृष्टि से देखते हैं। गुजरात राज्य से सबसे अधिक मुस्लिम हज यात्रा पर जाते हैं। हज कोई उधार के पैसे से नहीं कर सकता। सच्चर समिति ने हाजियों की संख्या के हवाले से गुजरात के मुसलमानों की आर्थिक परिस्थिति बेहतर होने की बात कही है। यदि मुसलमान शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक तौर पर पिछड़े हैं तो उसके लिए 70 वर्षों तक सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी ज़िम्मेदार है न कि बीजेपी। 

बीजेपी की गुजरात सरकार तो सबका साथ सबका विकास के फार्मूले से काम कर रही है। रुपानी ने दावा किया कि इस वर्ष गुजरात सरकार द्वारा 80 हज़ार नौकरियां दी गई हैं। 18 हजार पुलिस भर्ती हुई है जिसमें 33% महिलाएं हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में मां अमृत और वत्सल्या योजना का लाभ 42 लाख गरीब परिवारों को मिल रहा है। हमारी सरकार अन्नपूर्ण योजना के तहत सभी मजदूरों को 10 रुपये में भोजन दे रही है किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं हो रहा है। 

समाज कल्याण विभाग के कैबिनेट मंत्री आत्माराम परमार ने कहा कि पूर्व शासकों से पूछा जाना चाहिए कि सरकारी नौकरियों में मुसलमानों का अनुपात दो चार प्रतिशत ही क्यों है? भारत का मुसलमान सबसे अशिक्षित क्यों है? सच्चर समिति कांग्रेस के कुकर्मों का आईना है। मुसलमानों को यह समझना चाहिए इस चेक वितरण समारोह में मुख्यमंत्री, कैबिनेट मिनिस्टर, विधान सभा के डिप्टी स्पीकर सम्भूजी ठाकोर के अलावा समाज कल्याण विभाग के छोटे बड़े अधिकारी तथा भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के पदाधिकारी मौजूद रहे। 

गुजरात कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष गुलाब राऊमा ने जनचौक को बताया कि बीजेपी चुनाव को देखते हुए इस प्रकार के कार्यक्रमों के जरिये अल्पसंख्यकों को लालच दे रही है। वो झूठी हमदर्दी दिखाकर कुछ लोगों को अपनी तरफ खींचना चाहती है। उन्होंने सवालिया अंदाज में पूछा कि अगर सचमुच में मुसलमानों का विकास चाहते हैं तो प्री मैट्रिक स्कालरशिप क्यों नहीं दिया गया। प्रीमैट्रिक स्कालरशिप मामले में कोर्ट को आदेश पारित करना पड़ा था। सूफी के आरोप को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि 10 वर्ष तक निगम यूपीए सरकार नहीं बल्कि गुजरात भाजपा सरकार के कारण बंद था। क्योंकि केंद्र द्वारा दिए गए पैसों का 34 करोड़ रुपये लौटाया नहीं था। 

जिस प्रकार से ग्रामीण क्षेत्रों के मुस्लिम वोट को बीजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा टारगेट करके काम कर रहा है। उससे यह लग रहा है कहीं न कहीं कुछ प्रतिशत मुस्लिम वोट बीजेपी को जा सकता है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ग्रामीण इलाकों में कई सम्मलेन कर चुका है। जबकि शहरी इलाकों में अभी तक कोई सम्मलेन नहीं हुआ है। कांग्रेस का अल्पसंख्यक मोर्चा अभी तक बिल्कुल निष्क्रिय पड़ा है। राज्य में विपक्ष की भूमिका जातीय खेमे में बटे समाज के आन्दोलनकारी नेताओं के पास है। कांग्रेस 22 वर्षों से सत्ता से वंचित है। राज्य में जितनी सत्ता विरोधी लहर है उतनी ही कांग्रेस विरोधी भी है। परन्तु राज्य की राजनैतिक परिस्थिति साफ़ होने में थोड़ा समय लगेगा। 22 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है जब बीजेपी की जानिब से अल्पसंख्यकों को राजनैतिक अहमियत मिल रही है। 

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