पटना। भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में माले नेताओं की एक टीम आज सुबह मुजफ्फरपुर के कांटी पहुंची जहां विगत दिनों हाजत में पीट-पीट कर शिवम झा की बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई थी। उसके बाद यह दल बेनीपट्टी रवाना हो गया। विदित हो कि बेनीपट्टी में वाहन चेकिंग के नाम पर पुलिस द्वारा इमाम मो. फिरोज पर बर्बर किस्म का जुल्म ढाया गया था।
माले महासचिव के साथ एमएलसी शशि यादव, खेग्रामस के राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा, राज्य सचिव शत्रुघ्न सहनी, आरवाइए के राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम, इंसाफ मंच के सूरज कुमार सिंह, फहद जमा और असलम रहमानी भी शामिल थे। मौके पर दीपंकर ने कहा कि बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। भाजपा ने पूरी तरह से नीतीश कुमार को अपने गिरफ्त में ले लिया है। पुलिस बर्बरता का रोज नया रिकॉर्ड बन रहा है।

दरअसल, पुलिस का गुंडा राज चल रहा है। सभी थाने में उत्पीड़न का रैकेट चल रहा है। इस जघन्य हत्या के खिलाफ थाना प्रभारी और थाना के अन्य कर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
उन्होंने पीड़ित परिवार और ग्रामीणों से कहा कि भाकपा-माले इंसाफ के इस संघर्ष में मजबूती के साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ बड़ा नागरिक प्रतिवाद होना चाहिए। हमारी पार्टी के विधायक और एमएलसी इस मसले को सदन में भी मजबूती से उठाएंगे।
भाकपा-माले जांच दल ने कहा है कि मुजफ्फरपुर जिला के कांटी थाना क्षेत्र के रामनाथ धमौली पंचायत के कलवारी चंद्रभान गांव में मजदूर कृष्णदेव झा के बेटे आनंद उर्फ शिवम झा को पुलिस ने 3 फरवरी की रात में सरस्वती पूजा स्थल से गिरफ्तार किया और 6 फरवरी की सुबह उसके मरने की सूचना दी गई।
दो दिन तक शिवम झा को उसके परिजनों से मिलने नहीं दिया गया। 4 फरवरी की सुबह जब उनकी मां थाना पहुंची तो उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां देकर भगा दिया गया। अगले दिन कहा गया कि कोर्ट में मुलाकात होगी। फिर उनसे डेढ़ लाख रुपए मांगा गया। पैसा नहीं देने के कारण प्रशासन ने शिवम झा की बर्बरतापूर्ण पिटाई की जिसकी वजह से मौत हुई है।
कांटी थाना द्वारा संदेह के आधार पर नौजवानों को गिरफ्तार किया जाता है और फिर पैसे वसूलने का धंधा किया जाता है। 3 फरवरी की रात सरस्वती पूजा उत्सव से गाड़ी चोरी के संदेह के आधार पर पुलिस ने कई नौजवानों को उठाया और फिर पैसे पहुंचाने का दबाव बनाना शुरू किया।
पैसे मिल जाने पर सबों को छोड़ दिया गया लेकिन शिवम उर्फ आनन्द का गरीब परिवार पैसे देने में चूंकि असमर्थ था, इसलिए शिवम की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।
अब, हत्या के मामले को आत्महत्या बतलाने का प्रयास प्रशासन कर रहा है। 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार शिवम को कोर्ट में पेश नहीं करने वाले थाना प्रभारी और आईओ को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए। थाना में कार्यरत नाजायज स्टाफ रघु पासवान को मोहरा बनाकर थाना वसूली का धंधा करता है। इसलिए उसके बैंक अकाउंट की जांच होनी चाहिए।
शिवम झा का परिवार भुखमरी का शिकार है। बहुत गरीब है। लेकिन अभी तक कोई अधिकारी उनके घर पर नहीं गया है। डीएम और बीडीओ से एमएलसी शशि यादव की बात हुई है, तो बीडीओ ने कुछ राशन भेजने की बात की है। शिवम की टंगी लाश के पोजीशन को देखकर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा।
लोगों का कहना है कि मार कर टांग दिया गया था। पुलिस की क्रिया के खिलाफ ग्रामीणों की भारी प्रतिक्रिया सामने आई। और अब पुलिस ग्रामीणों और पीड़ित परिवार को धमका रही है। बड़े बेटे को उठाने की धमकी भी दे रही है।
यह मामला बिहार में पुलिस अत्याचार और प्रशासनिक लापरवाही का चरम उदाहरण है। इस मुलाकात के बाद जांच दल मधुबनी के बेनीपट्टी की ओर प्रस्थान कर गया।
भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य तत्पश्चात आज बेनीपट्टी में मौलाना फिरोज के घर पहुंचे। मौलाना फिरोज ने आप बीती सुनाई। दमन की कहानी रोंगटे खड़े कर देने वाला है। आज भी फिरोज बीमार और इलाजरत हैं। खौफ के साए में जी रहे हैं।
वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस बर्बरता की यह पराकाष्ठा है। मुस्लिम कह कर गालियां दी गईं। दाढ़ी को बार-बार नोचा गया। पब्लिक आक्रोश को देखते हुए घूस लेकर रात में छोड़ा गया। 29 जनवरी की सुबह 9 बजे के आसपास इन्हें पकड़ कर पीटा गया। थाना से लेकर प्रशिक्षु डीएसपी ने बुरी तरह खुद पीटा और आतंकवादी कह कर गालियां दीं। माले महासचिव ने कहा कि यह पुलिस के भाजपाईकरण का चरम उदाहरण है।
(प्रेस विज्ञप्ति)
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