12 नवंबर को पत्रकार सूरज पांडेय का शव उन्नाव सदर कोतवाली क्षेत्र के शराब मिल के पीछे कानपुर-लखनऊ रेलवे लाइन पर पड़ा मिला। पुलिस इसे प्रथमदृष्टया आत्महत्या का केस मानकर जांच कर रही है, जबकि दिवंगत पत्रकार सूरज पांडेय के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए महिला दारोगा सुनीता चौरसिया और उसके चालक सिपाही अमर सिंह पर षड़यंत्र के तहत हत्या कर शव को रेलवे ट्रैक पर फेंकने की बात कही है। इसके आधार पर दोनों ज्ञात और एक अज्ञात के विरुद्ध 302, 120 बी 506 के तहत मुकदमा पंजीकृत करवाया गया है।
पत्रकार की मां लक्ष्मी पांडेय ने पुलिस को दी तहरीर में कहा गया है कि एसआई सुनीता चौरसिया उनके पत्रकार बेटे की मित्र थी और उसका उनके घर आना जाना था। विभाग का एक सिपाही अमर सिंह जो पूर्व में दारोगा का जीप चालक था ने 11 नवंबर को उनके बेटे सूरज पांडेय को फोन करके सुनीता चौरसिया का नाम लेकर बुरा-भला कहा और देख लेने की धमकी भी दी थी। 12 नवंबर को सुबह नौ बजे बेटे सूरज को फोन कर किसी ने बुलाया। इसके बाद उसकी कोई जानकारी नहीं मिली। घर से निकलने के बाद उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ हो गया था।
फिर लगभग 3:00 बजे कोतवाली पुलिस ने सूरज का शव रेलवे लाइन के किनारे मिलने की जानकारी दी। लक्ष्मी पांडेय की तहरीर में सुनीता चौरसिया, अमर सिंह और उसके साथियों पर षड़यंत्र रचकर पत्रकार की हत्या कर शव को रेलवे लाइन के किनारे फेंकने का आरोप लगाया गया है।
पुलिस ने कहा मामला आत्महत्या का
उन्नाव पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि पुलिस को सूचना मिली थी कि रेलवे ट्रैक पर दुर्घटना के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है और लाश पड़ी है। पुलिस द्वारा पहचान कराने पर पाया गया कि डेडबॉडी पॉयनियर के पत्रकार सूरज पांडेय की है। प्रथम दृष्टया और परिस्थिजन्य साक्ष्यों से लग रहा है कि ये केस सुसाइड का है। जो पोस्टमार्टम कराया गया, उसमें जो इंजरी आई है, वो ट्रेन दुर्घटना से हुई इंजरी प्रतीत हो रही है।
परिजनों द्वारा कुछ आशंकाएं व्यक्त करते हुए एक एफआईआर दर्ज करवाई गई है। इसको 302 धारा के अंतर्गत पंजीकृत किया गया है। उसमें आरोप लगाया गया है कि दो पुलिसकर्मियों के द्वारा उनसे कुछ धमकाने के कारण उनके द्वारा आत्महत्या की गई है। इसमें तथ्य ये सामने आया है कि इनका एक महिला पुलिसकर्मी और एक कांस्टेबल से झगड़ा हुआ था। इस महिला पुलिसकर्मी से इनकी बात होती थी।
पुलिस का कहना है कि पूरे मामले में एसआई सुनीता चौरसिया और सिपाही अमर सिंह पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और मामले में जांच के बाद विधिक कार्रवाई की जा रही है।
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