Friday, March 29, 2024

पंजाब में अफसरशाही से नाराज विधायक सरकार से हुए बागी

पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कांग्रेसी विधायकों का एक ‘कॉकस’ बन रहा है और उनके खिलाफ खुली बगावत के आसार हैं। छह विधायक पहले ही घोषित रूप से बागी तेवर अख्तियार किए हुए हैं। अब आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता अमन अरोड़ा के इस ताजा बयान ने खलबली मचा दी है कि कांग्रेस के 40 विधायक असंतुष्ट हैं और अमरिंदर के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को गिराकर नई सरकार और नया मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं।

अमन अरोड़ा ने साफ कहा है कि कैप्टन के खिलाफ बगावत करने वालों को आम आदमी पार्टी अपने 19 विधायकों के साथ समर्थन देगी और पहले से बागी हो चुके नवजोत सिंह सिद्धू की अगुवाई में नई सरकार गठित करने में सक्रिय सहयोग देगी।

पटियाला कैप्टन अमरिंदर सिंह का गृह जिला है। वहां के चार कांग्रेसी विधायक, शुतराणा के निर्मल सिंह, राजपुरा के हरदयाल कंबोज, समाना के राजेंद्र सिंह और घिन्नौर के मदनलाल जलालपुर इन दिनों मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। यह विधायक पंजाब में अफसरशाही द्वारा सरकार चलाने और भ्रष्टाचार के बोलबाले के खिलाफ खुलेआम अपनी सरकार की निंदा कर रहे हैं।

इन विधायकों का आरोप है कि पंजाब में कांग्रेस का शासन है, लेकिन कांग्रेस के ज्यादातर विधायकों की एक नहीं सुनी जा रही है। पुलिस-प्रशासन उन्हें कुछ नहीं समझता और उनसे ज्यादा तरजीह शिरोमणि अकाली दल के लोगों को मिलती है। फौरी तौर पर बागी हुए इन चारों विधायकों को मनाने की राज्य कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तमाम कोशिशें फिलहाल नाकाम साबित हुई हैं।

कैप्टन की पत्नी परनीत कौर और मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भी असंतुष्ट अथवा बागी हुए विधायकों को मनाने की कवायद की गई, लेकिन वह बेनतीजा रही। बल्कि नाराज विधायकों के तेवर दिन-ब-दिन ज्यादा तल्ख हो रहे हैं और यकीनन इससे आने वाले दिनों में कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुश्किलों में इजाफा होगा। कतिपय कांग्रेसी विधायकों ने भी इन विधायकों का समर्थन किया है। साथ ही विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल आप और शिरोमणि अकाली दल भी नाराज तथा असंतुष्ट कांग्रेसी विधायकों को किसी न किसी तरह शह दे रहे हैं।

चार कांग्रेसी विधायकों से पहले नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी डॉक्टर नवजोत कौर सिद्धू ने कैप्टन के खिलाफ सियासी मोर्चा खोला था। आम आदमी पार्टी सिद्धू को, कैप्टन की सरकार गिरा कर नया मुख्यमंत्री बनाने की बात कह रही है, लेकिन पूरे प्रकरण पर खुद सिद्धू फिलवक्त खामोश हैं।

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के बहुत सारे विधायक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कार्यशैली और उनका अफसरशाही पर ज्यादा भरोसा करने को लेकर खासे खफा हैं और भीतरखाने कैप्टन के खिलाफ खफा कांग्रेसी विधायकों और कुछ बड़े कद के नेताओं का बाकायदा एक ‘कॉकस’ बन चुका है और यह अमरिंदर को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने के लिए सक्रिय हो गया है।

आप और अकाली दल के वरिष्ठ नेता इसके नियमित संपर्क में हैं। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री और उनका खेमा इस गुप्त बागी या असंतुष्ट ग्रुप से बेखबर नहीं हैं और वक्त आने पर जवाबी रणनीति बनाने को तैयार है। 

पंजाब के कई विधायकों की यह पुरानी शिकायत है कि राज्य की अफसरशाही सरकार पर पूरी तरह हावी है और वह चुने हुए प्रतिनिधियों की उपेक्षा तथा बेइज्जती करती है। यह मामला प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ के आगे भी सामूहिक रूप से कई बार उठाया गया, उन्होंने आला अधिकारियों को लताड़ने वाले कुछ सार्वजनिक ब्यान भी दिए लेकिन सूरत नहीं बदली। विधायकों की अपनी सरकार के प्रति शिकायतें बढ़ती गईं। यहां तक कि मुख्यमंत्री के अपने जिले पटियाला के चार विधायक खुली बगावत पर आ गए।

इससे पहले कई शिकायतें मुखरता से जग जाहिर करके सिद्धू दंपति बगावत कर ही चुके थे। सूत्रों के अनुसार यह सिलसिला अब रफ्तार पकड़ेगा। दरअसल, कांग्रेस का कोई विधायक, अपने समर्थकों अथवा कांग्रेसियों से ही अफसरों के रिश्वत खाने की शिकायत कर रहा है तो कोई पुलिस द्वारा नाजायज तौर पर फोन टेपिंग की। आरोपित कुछ अधिकारी बदले गए तो साफ हुआ कि आरोप लगाने वाले विधायकों की शिकायतों में दम है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली पिछली कांग्रेस सरकार के समय अभी अफसरशाही और मुख्यमंत्री का किचन कैबिनेट हावी था और इस बार भी ऐसा होता दिख रहा है। तब बगावत का ऐसा माहौल नहीं बना था जैसा अब बन रहा है। चुनौती देने वाला कोई मजबूत  कॉकस भी वजूद में नहीं आया था।

जानकार यह भी बताते हैं कि मंत्रिमंडल के कुछ सदस्य भी खफा हैं। विधायकों को तो छोड़िए, कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने मंत्रियों को भी कई-कई दिन मिलने का समय नहीं देते और उनके फोन तक नहीं सुनते। पिछले दिनों वह विदेश में थे तो वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को उन्हें चिट्ठी लिखकर अपनी बात रखनी पड़ी। जबकि मनप्रीत सिंह बादल को मुख्यमंत्री का अच्छा विश्वासपात्र माना जाता है। एक नाराज विधायक का कहना है कि जब मनप्रीत सरीखे मंत्री को ऐसा करना पड़ रहा है तो बाकी विधायकों और मंत्रियों के साथ क्या बीती होगी, खुद अंदाजा लगाइए!

(अमरीक सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और जालंधर में रहते हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles