Thursday, March 28, 2024

आरएसएस कर रहा है भीड़तंत्र की राजनीति: दारापुरी

जनचौक ब्यूरो

बभनी (सोनभद्र)। आरएसएस देश में भीड़तंत्र की राजनीति कर रही है उसके लिए संविधान, न्यायालय और कानून का कोई मतलब नहीं है। आरएसएस के राजनीतिक संगठन भाजपा की मोदी सरकार ने आज आजादी के बाद बनी देश की हर लोकतांत्रिक संस्था चाहे चुनाव आयोग हो या सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा को गिरा दिया है और सीबीआई जैसी संस्था की विश्वनीयता भी अब सवालों के घेरे में आ गयी है। ये बात पूर्व आईजी एसआर दारापुरी ने ग्रामीणों के साथ एक बैठक में कही। 

उन्होंने कहा कि संघ हर सवाल को भीड़ और भावना के बल पर निपटाना चाहता है। इसका विरोध करने और असहमति व्यक्त करने वालों का प्रशासन के बल पर दमन करा रहा है। इसका मुकाबला एक लोकतांत्रिक राजनीति से ही किया जा सकता है। वो सोमवार को संघ-प्रशासन के दमन के विरूद्ध प्रतिकार अभियान के तहत बभनी में आय़ोजित कार्यक्रमों में शामिल होने आए थे। 

बैठक में दर्जनों गांव से सैकड़ों की संख्या में आदिवासी व वनाश्रित मौजूद थे। इस मौके पर संघ के निर्देशन में लिलासी प्रकरण में पुलिस दमन का शिकार हुए मुरता प्रधान डा. चंद्रदेव गोंड़ और आदिवासी नेता कृपाशंकर को दारापुरी ने आदिवासी समाज के प्रतीक पीले गमछे को पहनाकर सम्मानित भी किया। 

इस मौके पर मौजूद स्वराज अभियान के नेता दिनकर कपूर ने कहा कि आज आदिवासी समाज के उत्पीड़न की हद यह है कि ज्वारीडाड़ के आश्रम पद्धति स्कूल में अध्ययनरत छोटे अबोध मासूम आदिवासी बच्चों तक को अपनी जायज मांग उठाने पर विद्यालय से निष्काषित कर दिया गया। जबकि उन बच्चों द्वारा सफाई, बेहतर खाने और पेयजल के सवालों को खुद डीएम ने अपनी जांच में उचित पाया था। 

उन्होंने कहा कि दुद्धी का विकास एक लोकतांत्रिक राजनीति से ही सम्भव है। बैठक की अध्यक्षता आदिवासी नेता रामनारायण गोंड़ और संचालन मजदूर किसान मंच के संयोजक इंद्रदेव खरवार ने किया। बैठक को राजेश सचान, कृपाशंकर पनिका, धनुक पनिका, अंतलाल गोंड़, रामजीत खरवार, देवकुमार खरवार, मुरारी, काशीराम गोंड़, संजय गुप्ता, जगदेव पनिका, श्रवण यादव आदि लोगों ने संबोधित किया।

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