Tuesday, April 23, 2024

बाबूलाल मरांडी के खिलाफ सालखन मुर्मू ने किया एफआईआर

रांची। पूर्व सांसद एवं आदिवासी संगेल अभियान के अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के खिलाफ 27 मार्च को पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत जमशेदपुर के कदम थाना में एक एफआईआर दर्ज कराते हुए लिखा है कि मैं सालखन मुर्मू , पूर्व सांसद पिता- स्वर्गीय रामराय मुर्मू, स्थायी निवासी ग्राम/ पोस्ट- करनडीह, थाना – परसुडीह, जमशेदपुर- 831002 और अस्थायी निवासी- क्वार्टर नंबर -12, रोड नंबर- 21, कदमा फार्म एरिया, जमशेदपुर 831005 श्रीमान बाबूलाल मरांडी के खिलाफ शिकायत दर्ज करना चाहता हूं। चूँकि बाबूलाल मरांडी ने “आदिवासी जन्म से हिंदू हैं” का सार्वजनिक वक्तव्य 7 मार्च 2021 को रांची में दिया फिर 14 मार्च 2021 को जमशेदपुर सर्किट हाउस में पत्रकारों के समक्ष दोहराया। जो संविधान के अनुच्छेद 19, 21, 25 का घोर उल्लंघन है। तथा हमें और हमारे आदिवासी समाज के साथ मानसिक एवं सामाजिक प्रताड़ना का ठोस सबूत है। अतः इसे FIR के रूप में स्वीकार किया जाए। मैं आदिवासी संगेल अभियान, एक सामाजिक संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं। जो झारखंड, बिहार,  बंगाल, उड़ीसा आदि प्रदेशों में आदिवासी सामाज के सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक, राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए कार्यरत है। जिसका सीधा सरोकार आदिवासी समाज के हितों से जुड़ा हुआ है। अतः आदिवासी समाज हित में यह FIR है।

सालखन ने एफआईआर में लिखा है कि बाबूलाल मरांडी का वक्तव्य कि आदिवासी जन्म से हिंदू हैं, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19, 21 और 25 का घोर उल्लंघन तो है ही और कोई भी आदिवासी जो जन्म से हिंदू नहीं है, उसके लिए अपमानजनक है, क्रूरतापूर्ण भी है और बाकी सभी आदिवासी समाज के लोगों को जबरन हिन्दू बनाने का एक षड्यंत्र भी है। मैं सालखन मुर्मू क्योंकि जन्म से हिंदू नहीं हूं। इसलिए बाबूलाल मरांडी के वक्तव्य से मुझे मानसिक और सार्वजनिक रूप से काफी आघात पहुंचा है और यह हमारे मान सम्मान और मौलिक अधिकार के खिलाफ भी है। फिर चूंकि 7 मार्च 2021 और 14 मार्च 2021 के बाद अब तक श्रीमान बाबूलाल मरांडी ने अपनी गलत, भ्रामक और अपमानजनक वक्तव्य को वापस नहीं लिया है, माफी भी नहीं मांगी है, इसलिए मुझे उनके खिलाफ में यह शिकायत दर्ज करने का पूरा अधिकार बनता है तथा उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई करने का भी हमारा अधिकार बनता है। मैं इस शिकायत पत्र के साथ हिन्दुस्तान दैनिक समाचार पत्र तिथि 8.3.2021 और 15.3.2021 के तीन पेपर फोटोकॉपी संलग्न कर रहा हूँ। साथ ही 17.3.2021 को हमारे द्वारा प्रसारित प्रेस विज्ञप्ति का फोटोकॉपी भी संलग्न कर रहा हूँ।

आशा है संविधान, कानून और मानवीय गरिमा का ध्यान रखते हुए उचित, त्वरित कार्यवाई की जायेगी।

सालखन मुर्मू

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।

ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ने लगी है सरकारी योजनाओं तक वंचित समुदाय की पहुंच

राजस्थान के लोयरा गांव में शिक्षा के प्रसार से सामाजिक, शैक्षिक जागरूकता बढ़ी है। अधिक नागरिक अब सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनुसूचित जनजाति के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रगति ग्रामीण आर्थिक कमजोरी के बावजूद हुई है, कुछ परिवार अभी भी सहायता से वंचित हैं।

Related Articles

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।

ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ने लगी है सरकारी योजनाओं तक वंचित समुदाय की पहुंच

राजस्थान के लोयरा गांव में शिक्षा के प्रसार से सामाजिक, शैक्षिक जागरूकता बढ़ी है। अधिक नागरिक अब सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनुसूचित जनजाति के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रगति ग्रामीण आर्थिक कमजोरी के बावजूद हुई है, कुछ परिवार अभी भी सहायता से वंचित हैं।