Friday, March 31, 2023

आशा वर्कर ने बकाया वेतन की मांग की तो CMO ने कहा-पति कुछ नहीं करते तो तलाक़ दे दो

सुशील मानव
Follow us:

ज़रूर पढ़े

प्रयागराज। “पति को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी है वो कुछ कर नहीं सकते। हर महीने 1200-1700 रुपये उनकी दवा का खर्चा है। दो बच्चे हैं। बेटी नौवीं कक्षा में है और बेटा 12वीं कक्षा में। फ़ीस और बिजली बिल तो समय पर जमा करना होता है। हर महीने कर्ज़ लेकर पति का दवा ले आती हूं। 6 महीने से वेतन नहीं मिला। बकाया वेतन के लिए प्रदर्शन करते हैं तो कौशांबी के सीएमओ कहते हैं पति कुछ नहीं करते तो उन्हें तलाक़ दे दो।” ये बयान बकाया वेतन के लिए आवाज़ उठा रही आशा वर्कर रेखा मौर्या का है।

रेखा मौर्या कहती हैं सरकार हमसे काम लेती है और काम के बदले उचित दाम देने को कौन कहे जो देते हैं वो भी छः महीने का बकाया रखे हैं। और अधिकारी उन लोगों की समस्याओं को सुनने के बजाए बदतमीजी से बात करते हैं। रेखा बताती हैं कि प्रयागराज के सीएमओ नानक शरण भगवतपुर ब्लॉक की आशा बहुओं से कहते हैं तुम लोग बदतमीज़ हो। चली जाओ नहीं तो गाड़ी चढ़ा देंगे।

रेखा मौर्या आशा बहुओं के प्रदर्शन में भाग लेने अपने ब्लॉक की तमाम आशा वर्कर्स के साथ प्रयागराज आई हैं। सोमवार प्रयागराज के आनंद भवन से जिलाधिकारी दफ्तर तक निकले प्रोटेस्ट मॉर्च में हजारों की संख्या में आशा बहुओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान सभी आशा बहुएं अपने ड्रेसकोड कत्थई किनारे वाली सफ़ेद साड़ी और सफ़ेद कुर्ता कत्थई सलवार कत्थई चुन्नी में दिखीं।

asha worker 1

चेहरा पर पसीना और आंखों में दर्द लिए मंदर गांव की आशा वर्कर आरती सिंह बताती हैं उनकी खुद की तबीअत पिछले छः महीने से खराब चल रही है लेकिन पैसे नहीं होने के चलते वो सही तरीके से अपना इलाज़ तक नहीं करवा पा रही हैं। उनके पति गांव में ही छोटी-मोटी दुकानदारी करते हैं लेकिन उतनी कमाई नहीं होती कि घर-परिवार का गुज़ारा हो सके। आरती के तीन बच्चे हैं बड़ी बेटी दसवीं कक्षा में पढ़ती है। दूसरी बेटी कक्षा आठ और बेटा चौथी कक्षा में है।

विडंबना क्या होती इस भावबोध को जीने वाली आरती बताती हैं कि सरकार ने उन लोगों को आयुष्मान कार्ड बनवाने की जिम्मेदारी दी है लेकिन वो ख़ुद अपना आयुष्मान कार्ड नहीं बनवा पा रही हैं।

सैदाबाद ब्लॉक के फतूहां गांव की बानोदेवी अधेड़ वय में भी प्रोटेस्ट करने को विवश हैं। बानो देवी के पति ब्रेन हैमरेज के बाद से विकलांग जीवन बिता रहे हैं। घर में दो बिन ब्याही बेटियां हैं। घर परिवार का गुज़ारा बानोदेवी के कंधों पर है। लेकिन सरकार ने उन्हें छः महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया है। बानो देवी बताती हैं कि कुष्ठ रोगी ले जाने, पोलियो ड्रॉप पिलाने के उन्हें महज 75 रुपये मिलते हैं लेकिन वो भी कई महीनों से नहीं मिला है।

घूरेपुर गांव की प्रमिला बताती हैं कि छः माह का वेतन नहीं मिला है। मज़बूरी में वो खाली समय निकालकर कृषि मज़दूरी करती हैं ताकि परिवार का गुज़ारा हो सके। प्रमिला के जीवनसाथी भी कृषि मज़दूर हैं। प्रमिला के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। बड़ा बच्चा कक्षा 1 में पढ़ता है।

Asha worker 3

मेजा ब्लॉक के बरसैता गांव की ममता सरकार और आशा वर्कर के संबंध को महज एक वाक्य में परिभाषित करते हुए कहती हैं सरकार ने आशा बहुओं को बंधुआ मज़दूर बना लिया है।

गोविंदपुर तेवार की आशा वर्कर सुनैना बताती हैं कि उनके पति किसान हैं उनके पास 2 बीघा ज़मीन है। जिसमें धन गेहूं के सिवाय कुछ नहीं होता। सुनैना के तीन बच्चे हैं। उनके पास अपने बच्चों की फ़ीस भरने के भी पैसे नहीं हैं।

बता दें कि उत्तर प्रदेश की आशा वर्कर्स अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। मार्च महीने के पहले पखवाड़े में आशा वर्कर्स का आज तीसरा विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम हुआ। इससे पहले 1 मार्च को आशा वर्कर्स से पीएचसी और ब्लॉक पर विरोध प्रदर्शन किया था। 3 मार्च को आशा बहुओं ने जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन करके जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा था।

इसी क्रम में आज फिर उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन संबद्ध एक्टू के राज्यव्यापी आह्वान पर प्रयागराज में आशाओं ने आनंद भवन से जुलूस निकालकर जिला मुख्यालय पर किया प्रदर्शन। मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। आशा वर्कर्स यूनियन का कहना है कि परमानेंट करने तक लड़ाई ज़ारी रहेगी। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ताओं ने 17 मार्च को मंडलायुक्त कार्यालय पर आंदोलन की घोषणा की है।

Asha worker 2

आज हाथों में कटोरा और मुंह में “योगी तेरे राज में, कटोरा लिये हाथ में” नारे के साथ आशा कार्यकर्ताओं ने आनंद भवन से जिला मुख्यालय तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री महोदय के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान योगी सरकार वादा निभाओ, वादा अनुसार मानदेय बढ़ाओ, आज करो अर्जेंट करो हमको परमानेंट करो, 2000 में दम नहीं 21000 से कम नहीं, आशा व आशा संगिनी को स्थाई करो, आशाओं का शोषण बंद करो, योगी-मोदी होश में आओ, यौन हिंसा को रोकने के लिए महिला सेल का गठन करो, आशाओं को ईएसआई का लाभ दो, 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा, 50 लाख का जीवन बीमा की गारंटी करो इत्यादि नारे लगे।

आज हुए प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की जिला अध्यक्ष आशा देवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद आशा का 6700+ अन्य कार्यों की प्रोत्साहन राशि व संगिनी बहनों का 11000 + अन्य सेवाओं की प्रोत्साहन राशि देने की बात कही लेकिन यह भी अभी तक सरकारी जुमला ही बना हुआ है। उन्होंने कहा कि आशा समाजसेविका नहीं कर्मचारी है जिसकी मान्यता श्रम सम्मेलन से मिली है। इनको न्यूनतम वेतनमान व पीएफ, ईएसआई, पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए। प्रदेश भर में आशा व आशा संगिनी का 4-6 माह तक संपूर्ण मानदेय बकाया रहता है, बहुत अल्प प्रोत्साहन राशि में रात दिन श्रम करने वाली आशा व आशा संगिनी भुखमरी की शिकार होती रहती हैं, किंतु उस अल्प अपमानजनक कथित मानदेय के भुगतान की चिंता न एनएचएम को रहती है और न सरकार को।

Asha Worker 4

उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की जिला सचिव सरोज कुशवाहा ने कहा कि सरकार में चुनावी वर्ष में समारोह पूर्वक आशाकर्मियों को बाहर कहकर मोबाइल भेंट किए थे अब उन्हें कचरा मोबाइल से कार्य का डाटा फिट करने आयुष्मान कार्ड बनाने का फरमान जारी किया है। डाटा उधार, 2G नेटवर्क, दूरदराज ग्रामीण जीवन में नेटवर्क संकट, उस पर 1 घंटे की ट्रेनिंग पर कंप्यूटर ऑपरेटर का कार्य करने के दबाव बनाया जाता है जो कत्तई उचित नहीं है।

उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की मंडल अध्यक्ष रेखा मौर्य ने कहा कि अल्प मानदेय में रात-दिन श्रम करने वाली आशा व आशा संगिनी भुखमरी की शिकार हैं और कई- कई माह की प्रोत्साहन राशि बकाया है। इसके अलावा भी वर्षों से दस्तक व आयुष्मान कार्ड बनाने जैसे कार्यों में अलग से समकालीन कार्यों में किए गए नियोजनों की कोई प्रोत्साहन राशि आज तक भुगतान नहीं की गई।

Asha WORKER 5

उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की जिला उपाध्यक्ष रंजना ने कहा कि पूरे प्रदेश में आशा व आशा संगिनी यौन उत्पीड़न का शिकार होती रहती हैं। जिसकी रोक व शिकायत के लिए किसी ऐसे पटल की व्यवस्था नहीं है जिसमें निःसंकोच शिकायत पर त्वरित न्याय पाया जा सके, जबकि इस तरह का अपमानजनक स्थितियों से आए दिन कहीं ना कहीं आशा व आशा संगिनी को गुजरना पड़ता है। अस्पतालों में आशा विश्राम घर या तो है नहीं और अगर कहीं है तो उनको कबाड़ रखने में प्रयोग किया जा रहा है। अस्पतालों में मरीजों से भी लूट का खसोट खुलेआम जारी है। विरोध करने पर आशा ही उनके कोप का शिकार बनती है। आए दिन आशा कर्मियों के साथ चिकित्सक, स्टाफ कर्मियों द्वारा मारपीट की घटनाओं के मूल में यही अवैध उगाही है।

यूनियन की नेता बबिता सिंह ने कहा कि कोई भी आशा ऐसी नहीं है जिसने 5 से 1000 तक गोल्डन आयुष्मान कार्ड बनाने समेत अन्य कामों में योगदान न किया हो, और वर्तमान समय में फिर योगदान कराया जा रहा है। पूर्व घोषित 5 रुपए प्रति कार्ड की अनुतोष राशि व इस वर्ष की प्रति कार्ड की घोषित 10 रुपए की राशि का पैसा भुगतान नहीं मिला।

प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए ऐक्टू के प्रदेश सचिव कामरेड अनिल वर्मा ने कहा कि मोदी योगी सरकार महिलाओं के विकास का नगाड़ा पीट रही है लेकिन सच्चाई इसके उलट है। बार-बार ध्यान आकर्षित करने के बावजूद सरकार न्यूनतम वेतन के प्रश्न को सुनने को तैयार नहीं है और ना ही भविष्य निधि, ग्रेच्युटी, किसी भी तरह की सामाजिक सुरक्षा, वार्षिक अवकाश, मातृत्व अवकाश को भी देने के लिए तैयार है।

आशा वर्कर्स यूनियन की जिला कमेटी सदस्य रूपाली श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार हमारी मांगे नहीं पूरी करती है तो 2024 के चुनाव में सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा।

Asha worker 6

ऐक्टू के जिला संयोजक आनंद ने कहा कि सरकार महिलाओं की बेहतरी के लिए बड़ी-बड़ी योजनाएं लाने की बात कर रही है लेकिन आशा कर्मचारियों की न्यूनतम राशि भी सरकार देने को तैयार नहीं है। महिला विरोधी कर्मचारी विरोधी भाजपा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला कमेटी सदस्य मिथिलेश कुमारी ने 17 मार्च को पत्थर गिरजाघर पर होने वाले प्रदर्शन में सभी आशाओं को शामिल होने की अपील किया।

आज भी प्रदर्शन को भाकपा माले के जिला प्रभारी सुनील मौर्य, खेग्रामस के नेता पंचम लाल, आइसा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष कुमार, भानु, किसान महासभा के नेता लाल बहादुर, सफाई मजदूर एकता मंच के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र रावत, जल संस्थान कर्मचारी यूनियन के श्रीचंद, अनिरुद्ध आदि ने संबोधित किया।

(सुशील मानव स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest News

जुनैद-नासिर हत्याकांड पर जांच रिपोर्ट: हरियाणा सरकार का गोरक्षा टास्क फोर्स बना हत्यारा गिरोह

गाय के नाम पर इंसानों की हत्यायें बढ़ती जा रही हैं। अभी ताजा मामला मेवात के घाटमीका गांव का...

सम्बंधित ख़बरें