उच्च शिक्षा में सुधार के व्यापक एजेंडे के साथ विश्वविद्यालय शिक्षक हुए एकजुट : संदीप सौरभ

Estimated read time 1 min read

पटना। उच्च शिक्षा में सुधार के व्यापक एजेंडे के तहत कैंपस में पठन-पाठन के लोकतांत्रिक माहौल को पुनर्बहाल करने तथा आधारभूत संरचनाओं में सुधार सहित अपनी अन्य समस्याओं को लेकर विश्वविद्यालयों के शिक्षक संगठन निर्माण की दिशा में बढ़ चले हैं। माले विधायक संदीप सौरभ की अध्यक्षता में कल पटना में विश्वविद्यालय शिक्षकों की हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में संगठन निर्माण का प्रस्ताव लिया गया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए का. संदीप सौरभ ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि प्रशासनिक मनमानी के खिलाफ कैंपसों के लोकतांत्रिकीकरण, पठन-पाठन के माहौल को पुनर्बहाल करने, महिला शिक्षिकाओं के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराने, ध्वस्त आधारभूत संरचनाओं को पुनर्बहाल करने, खाली पदों पर अविलंब भर्ती आदि सवालों पर एक नया शिक्षक संगठन बनाया जाए। बैठक में शामिल शिक्षकों ने इसपर सहमति जताई और यह तय किया गया कि बिहार प्रोग्रेसिव यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोएसशन नाम से एक नया शिक्षक संगठन बनाया जाए।

बैठक में बिहार के कई विश्वविद्यालय के शिक्षक मौजूद रहे। इनमें पटना, पाटलिपुत्र, भीमराव अंबेडकर (मुजफ्फरपुर,) मगध, एलएनएमयू (दरभंगा) आदि विश्वविद्यालयों से शिक्षकों की उल्लेखनीय भागीदारी रही। सभी शिक्षकों ने बिहार की गिरती शिक्षा व्यवस्था पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया, विवि व कॉलेज प्रशासन की मनमानी पर सवाल उठाए तथा इस स्थिति में बदलाव हेतु एक एक सकारात्मक हस्तक्षेप के उपकरण के बतौर शिक्षक संगठन के निर्माण पर जोर दिया। महिला शिक्षिकाओं ने आधारभूत संरचनाओं की खस्ता हाल के साथ-साथ मातृत्व अवकाश के सवाल को उठाया।

बैठक में संगठन के संविधान व कार्य प्रणाली पर खुली बातचीत हुई और यह भी तय किया गया कि जल्द ही इसका रजिस्ट्रेशन करा लिया जाएगा। तय हुआ कि आगामी 1 सितंबर को पटना में इसका स्थापना सम्मेलन किया जाएगा। कोशिश होगी कि स्थापना सम्मेलन में सभी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि भाग ले!

माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि हमने पहले ही शिक्षक समुदाय की मांगों से संबंधित एक चार्टर तैयार कर लिया है। अब हम संगठन निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हम बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के प्रति प्रतिबद्ध हैं। आए दिन हमारे पास शिक्षकों की कई समस्याएं आती हैं, जिन्हें विभिन्न मंचों से उठाया जाता रहा है, लेकिन एक सशक्त संगठन के अभाव में बहुत प्रभावी हस्तक्षेप संभव नहीं हो पा रहा था। इसलिए हमलोग इस दिशा में बढ़ रहे हैं।

(प्रेस विज्ञप्ति)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

You May Also Like

More From Author