पंजाब में टूरिस्ट एजेंटों के छल से खाड़ी देशों में पहुंचीं महिलाएं स्वदेश वापसी का कर रही इंतजार

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नई दिल्ली। पंजाब की खुशहाल धरती के बाशिदों को बेटे के विदेश जाने और बेटी के लिए एनआरआई दूल्हे के सपने ने अंदर से तोड़ कर रख दिया है। सात समंदर पार से सेहरा बांध कर आते दूल्हे शादी के बाद दो-चार महीने नवविवाहिताओं के साथ रहते हैं, फिर जल्द ही साथ लेकर चलने का वादा करके विदेश रवाना होते हैं तो दूल्हनें बाट ही जोहती रह जाती है। पंजाब में ऐसी लड़कियों की संख्या हजारों में है जो अपने एनआरआई पतियों के लौटने का इंतजार कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका के मुताबिक भारत में इस तरह की शादी में धोखा खाने वाली 40 हज़ार से ज़्यादा लड़कियां हैं।

एनआरआई दूल्हे की समस्या के बाद अब विदेश बसने के आकर्षण ने एक नई समस्या पैदा कर दी है। पंजाब में “रिवर्स दहेज” और “संविदा विवाह” की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है। इस मामले में अगर पंजाबी युवक विदेश में नहीं जा सकता है, तो वह पढ़ी-लिखी लड़की से शादी करके उसे पढ़ाई के लिए विदेश भेजने का प्रस्ताव रखता है, इसके बाद दूल्हा विदेश में उसकी पढ़ाई का खर्च उठाता है। और शर्त होती है कि वह पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने जीवनसाथी के लिए वीजा के लिए भेजेगी ताकि दोनों एक विदेशी देश में बस सकें। लेकिन इस तरह की शादी ने पंजाब के ग्रामीण इलाकों में वैवाहिक धोखाधड़ी के मामलों को बढ़ा दिया है। कई युवक, जिनकी पत्नियां विदेश पढ़ने गई और वे दो-चार साल तक उनका खर्च भेजते रहे, अंत में उनको आत्महत्या करनी पड़ी, क्योंकि पत्नियों ने पंजाब वापस आने और अपने पतियों को विदेश बुलाने से इनकार कर दिया।

अब तीसरी समस्या पंजाब की लड़कियों और महिलाओं को टूरिस्ट वीजा पर विदेश भेजने और नौकरी का लालच देकर अनैतिक गतिविधियों में धकेलने का प्रयास किया जाता है। एजेंटों की बात न मानने पर उन्हें तर-तरह से प्रताड़ित किया जाता है।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक कपूरथला की एक महिला जो भारत में अपने परिवार का भविष्य संवारने के लिए ओमान गई थी, हाल ही में खाड़ी देश में बहुत भयावह परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। ओमान पहुंचने पर उसे महसूस हुआ कि अपने लोगों ने ही उसके साथ छल किया है। लाखों रुपये खर्च करने के बाद उसे वापस लौटने में बहुत पापड़ बेलने पड़े। वह ऐसी खतरनाक स्थिति में फंस गई थी जहां मदद करने वाला कोई नहीं था। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों से वह स्वदेश वापस आ सकी।

प्रभजोत (बदला हुआ नाम) ने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा किए गए प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया, जिन्होंने तत्परता के साथ काम किया और विदेश मंत्रालय की मदद से उन्हें वापस लाया। लेकिन प्रभजोत के मुताबिक हर कोई उनकी तरह खुशनसीब नहीं होता। पंजाब की कई महिलाएं हैं जो खाड़ी में सड़ रही हैं और भारत लौटने की कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने बताया कि जहां उसे बंधक बनाकर रखा गया था वहां पंजाब की करीब 35 अन्य अविवाहित/विवाहित युवतियों का एक समूह भी था। जिन्हें भारत में उनके ट्रैवल एजेंटों ने धोखा दिया था और अब खाड़ी देश में फंसी हुई हैं। महिलाएं वापस आने की प्रतीक्षा कर रही हैं। उनके मुताबिक, वहां फंसी महिलाओं के ऐसे और भी कई समूह हैं।

मस्कट में दो महीने बिताने के बाद हाल ही में लौटी प्रभजोत ने कहा कि पंजाब की जिन महिलाओं को नौकरी (‘घरेलू नौकर’ या ‘केयरटेकर’ का काम) देने के बहाने ओमान ले जाया जा रहा था, उन्हें वहां के स्थानीय लोगों को कथित तौर पर बेचा जा रहा है। और उन्हें जीवित रहने के लिए कथित तौर पर अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है।

उसने आरोप लगाया कि इन महिलाओं को वहां उतरने के बाद पीटा जाता है और धमकाया जाता है और अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है। और जो विरोध करती हैं उन्हें कई दिनों तक भूखा रखा जाता है। अपने पति हरदीप सिंह की मौजूदगी में अपनी आपबीती सुनाते हुए प्रभजोत ने कहा कि उनकी सगी मामी ने उन्हें इस साल 16 मार्च को झूठी नौकरी का झांसा देकर मस्कट भेज दिया था।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पीड़ित महिला ने बताया “मेरी मामी ने मुझसे ओमान के एक अस्पताल में केयरटेकर का काम दिलाने और 30,000 रुपये प्रति माह वेतन के वादे के साथ भेजा था।” पीड़ित महिला अनपढ़ है। इसे लिए उसकी ट्रैवल एजेंट मामी ने उससे 70,000 रुपये लिए और फिर उसने मस्कट में अन्य एजेंटों के साथ उसे 1.50 लाख रुपये में कुछ स्थानीय लोगों को बेच दिया।

“जब मैं 16 मार्च को वहां पहुंची, तो वहां के एजेंटों ने मेरा पासपोर्ट और फोन ले लिया और मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया। मुझे खाना नहीं दिया गया। बाद में मैंने पाया कि पंजाब की 35 अन्य महिलाएं भी वहां बंद थीं। मुझे उनके साथ रखा गया था। जब मैंने एजेंटों से कहा कि मुझे ‘वादा’ की गई केयरटेकर की नौकरी के लिए अस्पताल भेज दें, तो वे मुझे अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर करने लगे, जिसका मैंने विरोध किया और साफ मना कर दिया। मना करने की कीमत चुकानी पड़ी क्योंकि उन्होंने मुझे बेरहमी से पीटा, “प्रभजोत ने कहा, उसने अपनी मामी को बुलाया और उससे पूछा कि उसने उसके साथ ऐसा क्यों किया, जिस पर” मेरी मामी ने कहा कि एजेंट जो कुछ भी कहें वह करो।”

यह पूछे जाने पर कि जब मीडिया और सोशल मीडिया में इस तरह की नकारात्मक खबरें सामने आती हैं तो वह वहां क्यों गईं, पीड़िता ने कहा कि उन्हें ऐसी खबरों की जानकारी नहीं है क्योंकि वह पढ़ी-लिखी नहीं हैं। उन्होंने कहा पंजाब सरकार को राज्य में इस तरह की धोखाधड़ी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।

पीड़िता कहती है कि वह अपनी पांच साल की बेटी का भविष्य सुरक्षित करने के लिए मस्कट गई थीं। “हम कपूरथला में किराए के मकान में रहते हैं। मेरे पति एक टैक्सी ड्राइवर हैं, और हमारे लिए गुज़ारा करना मुश्किल है।”

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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