अब जब नौ दौर की बातचीत के बाद भी वार्ताकार मंत्रीगण, किसानों को यह नहीं समझा पा रहे हैं कि यह कानून कैसे किसानों के हित में बना है, तो इससे यह बात भी स्पष्ट होती है कि या...
20 सितंबर 2020 को जब राज्यसभा में बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से सदन की समस्त संसदीय मर्यादाओं को ताख पर रख कर, तीनों किसान विधेयकों को उपसभापति हरिवंश ने पारित घोषित किया तो ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि वे किसी...