अभी पिछले दिनों बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एमएस कार्णिक की पीठ ने टिप्पणी की थी कि तारीख पे तारीख हकीकत है और बार-बार मुकदमों की सुनवाई स्थगित होने की आलोचनाओं पर कठोर रुख नहीं...
न्यायिक क्षेत्रों में आजकल संविधान के अनुच्छेद 32 और उस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक ही सप्ताह में दो अलग-अलग पीठों द्वारा की गई व्याख्या के कारण बहस छिड़ गई है। लगभग सभी बड़े अखबारों ने अपने संपादकीय में...