Monday, October 2, 2023

कहानी

पुण्यतिथि: रूह पर चले बंटवारे के नश्तर का नतीजा था मंटो का ‘टोबा टेकसिंह’

सआदत हसन मंटो, हिंद उपमहाद्वीप के बेमिसाल अफसानानिगार थे। प्रेमचंद के बाद मंटो ही ऐसे दूसरे रचनाकार हैं, जिनकी रचनाएं आज भी पाठकों का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं। क्या आम, क्या खास वे सबके हर दिल अजीज हैं।...

आलोचना पत्रिका के बहानेः बाजार और जंगल के नियम में कोई फर्क नहीं होता!

पांच दिन पहले ‘आलोचना’ पत्रिका का 62वां (अक्तूबर-दिसंबर 2019) अंक मिला। कोई विशेषांक नहीं, एक सामान्य अंक। आज के काल में जब पत्रिकाओं के विशेषांकों का अर्थ होता है कोरा पिष्टपेषण, एक अधकचरी संपादित किताब, तब किसी भी साहित्यिक...

जयंतीः राजेंद्र यादव ने साहित्य में दी अस्मिताओं के वजूद को नई पहचान

हिंदी साहित्य को अनेक साहित्यकारों ने अपने लेखन से समृद्ध किया है, लेकिन उनमें से कुछ नाम ऐसे हैं, जो अपने साहित्यिक लेखन से इतर दीगर लेखन और विमर्शों से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुए। कथाकार राजेंद्र यादव का...

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काशी भी हुई कवि-पत्रकार मुकुल की आवाज में शामिल, अवार्ड के साथ किताब पर चर्चा

वाराणसी। सच कहने में सर कटने का ख़तरा है चुप रहने में दम घुटने का ख़तरा है ऐसे शेर कहने वाले कवि-पत्रकार...