Saturday, June 10, 2023

दलित राजनीति

अवसरवाद से पासवान नहीं बन सके, दलितों के पासबान

भारत में दलित राजनीति का एक विशेष अर्थ है और इसके विस्तार का इतिहास अतीत तक जाता है। इसमें संत और राजनीतिज्ञ दोनों सम्मिलित हैं। दलित आंदोलन और राजनीति भारत के महत्वपूर्ण विषयों में से एक अतिमहत्वपूर्ण विषय है।...

पाटलिपुत्र की जंग: दलों का तीसरा संगम बिगाड़ सकता है पहली दो धाराओं का खेल

बिहार का चुनावी तापमान पूरे शबाब पर है। एक तरफ जहां पार्टी अदलाबदली की कहानी तेज है, तो दूसरी तरफ सूबे की छोटी पार्टियां जिन्हें बटमार पार्टियां कहा जा रहा है, उनके खेल से बिहार भ्रमित भी है और लुभा भी रहा है।...

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अन्याय के 1000 दिन, प्रतिरोध और आंदोलन के हजार दिन!

नई दिल्ली। “यह 1000 दिनों की कैद के साथ-साथ 1000 दिनों का प्रतिरोध भी है। उमर खालिद यह सुनकर...