Friday, June 9, 2023

परंपरा

भौतिकवाद से दूर आदिवासी साहित्य में जीवन सौंदर्य

प्रख्यात विद्वान और 22 भारतीय भाषाओं की लोक-कथाओं का संकलन और संपादन करने वाले एके रामानुजन ने लोक साहित्य को कुछ यूं व्याखायित किया है: “लोक साहित्य भारतीय पिरामिड का वह आधार है जिस पर शेष समस्त भारतीय साहित्य...

झारखंडः 26 बरस गुजार दिए विश्व आदिवासी दिवस की बधाइयों में, मूल निवासी नहीं जानते विरासत और परंपरा

विश्व आदिवासी दिवस मनाने की शुरुआत 1994 से यानी 26 वर्ष पहले शुरू हुई थी। इसके बावजूद झारखंड के रांची में तमाम आदिवासी इससे अनभिज्ञ हैं। उन्हें नहीं पता कि यह दिवस भी मनाया जाता या क्यों मनाया जाता...

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जीपीएफ के अनुमति वापस लेने के बाद अब प्रेस क्लब में होगा एक्टिविस्टों की रिहाई का कार्यक्रम

नई दिल्ली। जेलों में बंद सामाजिक कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित होने...