Thursday, April 18, 2024

प्रधानमंत्री

देश की नारीवादियों ने किसान कानून को ड्रैकोनियन बताते हुए पीएम को लिखा खुला खत

देश की नारीवादियों और महिला अधिकार समूहों ने देश के प्रधानमंत्री के नाम एक खुला पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है- “नारीवादियों और महिलाओं के अधिकार समूहों के रूप में, हम केंद्र सरकार द्वारा पारित ड्रैकोनियन कृषि कानूनों...

प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ करते रहे और किसान ताली-थाली बजाते रहे

आज रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व निर्धारित 'मन की बात' का आंदोलनरत किसानों ने ताली-थाली बजाकर विरोध किया। रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम शुरू होते ही किसानों ने दिल्ली के बॉर्डर पर ताली, ड्रम और थालियां...

किसानों का यह संघर्ष ही भारतीय अर्थव्यवस्था के तमाम संकटों की कुंजी है

भारत में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ पूंजीवाद का संबंध उपनिवेश और औपनिवेशिक शक्ति के बीच के संबंध का रूप ले चुका है। पिछले तमाम वर्षों में गांवों में निवेश और गांवों से धन की निकासी के बीच भारी फ़र्क़...

महाराष्ट्र विस अध्यक्ष ने पीएम को लिखा पत्र, कहा- कानून वापस न हुआ तो उन्हें भी शामिल होना पड़ेगा किसानों की लड़ाई में

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को लगातार मिलते समर्थन के बीच महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने भी समर्थन देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। यह पत्र उन्होंने किसानों के भारत बंद के एक दिन...

किसान आंदोलन, गोदी मीडिया और प्रधानमंत्री के आमोद-प्रमोद में खलल

एक ज़माना था, जब हमारे देश में खेती को सब से उत्तम कार्य माना जाता था। महाकवि घाघ की एक मशहूर कहावत है-  "उत्तम खेती, मध्यम बान, निषिद्ध चाकरी, भीख निदान।" यानी खेती सब से अच्छा कार्य है। व्यापार...

थाली बजाने से पहले समझ लें, उसकी आवाज आपकी कार्य क्षमता पर पड़ रही है भारी!

अगस्त का महीना खत्म होने वाला है और हिंदू त्योहारों का टाइम आ गया है। मुझे ये बताने की आपको ज़रूरत नहीं थी, आपके आसपास के ‘लाउड स्पीकरों’ ने आपको स्वयं सूचना दे दी होगी।ऐसे ही एक शाम मैंने...

‘गोविंद रामायण’ मामले ने तूल पकड़ा, सिंह साहिबान ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी सिख कौम से मांगें माफ़ी

कभी सुलगी हुई को लहकाने के लिए, कभी लहकी हुई को भड़काने के लिए और कभी भड़की हुई में घी डालने के लिए हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करने वालों की ओर से अक्सर बारूदी-बयान दाग दिए जाते हैं। हिंसा की...

लाल किले के प्राचीर से अधूरे सच, सफेद झूठ और आत्म प्रशंसा से भरा भाषण

अधूरा सच, सफेद झूठ, परनिंदा, नए-नए शिगूफे, धार्मिक और सांप्रदायिक प्रतीकों का इस्तेमाल और आत्म प्रशंसा! यही पांच प्रमुख तत्व होते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में। मौका चाहे देश में हो या विदेश में, संसद में हो...

लाल किले से फिर हुईं बड़ी-बड़ी घोषणाएं, लेकिन नदारद रहा रोडमैप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए, हमेशा की तरह जनता का उत्साहवर्धन करने वाला भाषण दिया, कि जैसे स्थिति नियंत्रण में है सब व्यस्थित है, जबकि स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत...

राम मंदिर के बहाने हिंदू राष्ट्र बनाने की कवायद

5 अगस्त को अयोध्या में जिस मंदिर कॉम्प्लेक्स के शिलान्यास को लेकर पूरी सरकार और उसका मीडिया धूमधड़ाका मचाए है, वहां किसका मंदिर बनने वाला है? शबरी के बेर खाकर वन्यजीवन काटने वाले और 14 साल का वनवास भोग कर...

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केरल में ईवीएम के मॉक ड्रिल के दौरान बीजेपी को अतिरिक्त वोट की मछली चुनाव आयोग के गले में फंसी 

सुप्रीम कोर्ट में वीवीपीएटी वेरिफिकेशन मामले में गुरुवार को सुनवाई के दौरान उस समय भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के...