Thursday, June 8, 2023

प्रभाष जोशी

स्मृति शेषः यहीं कहीं हैं, कहीं गए नहीं हैं अरुण

स्वर काफी धीमा था पर आवाज अरुण की ही थी, वो अस्पताल से लौटे थे पहली बार, कमल भाई, समय लगेगा मगर मैं ठीक हो जाऊँगा। अपने पर घनघोर विश्वास ही अरुण की ताकत थी। यह अक़ीदा उनमें बार-बार...

सबकी खबर ले, सबको खबर दे!

दिल्ली के बहादुर शाह जफ़र मार्ग पर जो एक्सप्रेस बिल्डिंग है, वह रामनाथ गोयनका की बनवाई हुई है। देश की राजनीति पर इस बिल्डिंग का कितना असर रहा है यह जानेमाने पत्रकार कुलदीप नैयर ने भी अपनी आत्मकथा में...

दक्खिन की तरफ बढ़ते हरिवंश!

हिंदी पत्रकारिता में हरिवंश उत्तर से चले थे। अब दक्खिन पहुंच गए हैं। पर इस यात्रा में उन्होंने जो पुण्य कमाया था वह गवां तो नहीं दिया! समाजवादी धारा वाले रहे। युवा तुर्क चंद्रशेखर का कामकाज संभाला तो बहुत...

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मनरेगा को धीमी मौत मार रही है मोदी सरकार

नई दिल्ली। ग्रामीण भारत की तस्वीर और मजदूरों के जीवन में एक हद तक खुशहाली लाने वाली राष्ट्रीय ग्रामीण...