बात निकली है तो फिर दूर तलक जाएगी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर सच बोलने पर एक ओर उच्चतम न्यायालय प्रशांत भूषण जैसे सामजिक सरोकारों से जड़े वकील की जुबान पर अवमानना का ताला डालना चाहता हैं, तो...
तबलीगी जमात के मामले में कई मीडिया संस्थानों की गलत रिपोर्टिंग पर सवाल उठाने वाली जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने टिप्पणी की कि सरकार तब तक हरकत में नहीं आती जब तक...