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संस्कृति-समाज

फिल्म श्रमजीवीः मजदूरों की जिंदगी का दर्द भरा दस्तावेज

यह सिलाई मशीन चलने की आवाज़ है। लगता है कि इसमें रेल की आवाज़ की अनुगूंज घुली हुई है। फ़िल्म `वस्त्र उद्योग` (टैक्सटाइल एंड गारमेंट [more…]

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संस्कृति-समाज

जन्मदिन विशेषः हबीब तनवीर ने कह दिया था सामाजिक-राजनीतिक उद्देश्यों के लिए फिल्मों को अलविदा

आधुनिक रंगमंच में हबीब तनवीर की पहचान लोक को पुनर्प्रतिष्ठित करने वाले महान रंगकर्मी की है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 सितंबर, 1923 को [more…]

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संस्कृति-समाज

पुण्यतिथिः शिवसेना की धमकी के आगे नहीं झुके एके हंगल, फिल्में रोक दी गईं तो करने लगे थे टेलरिंग

एके हंगल के नाम का जैसे ही तसव्वुर करो, तुरंत हमारी आंखों के सामने एक ऐसी शख्सियत आ जाती है जो सौम्य, शिष्ट, सहृदय, सभ्य, [more…]

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संस्कृति-समाज

भारतीय समाज में जारी सतत हिंसा अब बन गयी है सभ्यता का हिस्सा

“मैं राइटर बनना चाहता था….और साइंटिस्ट भी… फिर सोचा कि शायद साइंस का राइटर बन जाऊंगा। कुछ भी न हुआ साला! क्योंकि पैदा जहां हुआ [more…]