पंजाब की सरजमीं ने यूं तो कई वतनपरस्तों को पैदा किया है, जिनकी जांबाजी के किस्से आज भी मुल्क के चप्पे-चप्पे में दोहराए जाते हैं, पर राम मुहम्मद सिंह आज़ाद उर्फ उधम सिंह की बात ही कुछ और है।...
(जनवरी, 1928 के ‘किरती में भगत सिंह ने काकोरी के शहीदों के बारे में ‘विद्रोही’ नाम से लिखा था। यह लेख ‘भगत सिंह के सम्पूर्ण दस्तावेज’ में संग्रहीत है, जिसका संपादन प्रोफेसर चमन लाल ने किया है। इस लेख...
अरे! बेकार की नफरत के लिए नहीं,न सम्मान के लिए, न ही अपनी पीठ पर शाबासी के लिएबल्कि लक्ष्य की महिमा के लिए,किया जो तुमने भुलाया नहीं जाएगा
साढ़े तेईस वर्ष की उम्र में 23 मार्च 1931 को फांसी पर...
साहित्य के शोधकर्ताओं के लिए यह एक शोध का विषय है कि ईवी रामासामी पेरियार (17 सितंबर, 1879-24 दिसंबर, 1973) के मूल लेखन का कोई संग्रह आज तक उस तरह से हिंदी साहित्य में क्यों उपलब्ध नहीं था,...