Friday, April 19, 2024

मीडिया

मीडिया को जजों की मौखिक टिप्पणियों को रिपोर्ट करने से रोका नहीं जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि मीडिया को किसी मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों द्वारा की गई मौखिक टिप्पणियों को रिपोर्ट करने से नहीं रोका जा सकता है। इससे जवाबदेही बढ़ती है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस...

कुंभ और चुनाव से बिगड़े हालात, मानती क्यों नहीं बीजेपी?

बीजेपी यह बात मानने को तैयार नहीं है कि कुंभ और चुनाव के आयोजनों की वजह से कोरोना के हालात बिगड़े हैं और बिगड़ रहे हैं। मानना तो दूर, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय इस मान्यता के...

कॉरपोरेट की रीढ़ तोड़े बग़ैर किसान नहीं हो पाएंगे कामयाब

किसान आन्दोलन ने 100 दिन पूरा करके दुनिया में चले सबसे लम्बे प्रदर्शन का रिकॉर्ड बना लिया है। शायद, ये मानव इतिहास का ऐसा सबसे बड़ा शान्तिपूर्ण विरोध बन चुका है, जिसमें हरेक उम्र, लिंग, जाति और धर्म के...

लोकसभा में गुहार लगाने वाले सांसद की रहस्यमय मौत, सरकार-विपक्ष और मीडिया में छाई मुर्दा शांति

मुझे लगता है कि भारत में पत्रकारिता मर चुकी है। कल एक खबर का जो हश्र देखा है, उसे देखकर बिल्कुल यही महसूस हुआ। कल मुंबई में एक होटल से वर्तमान लोकसभा के एक सांसद की लाश बरामद हुई...

कायरता ही सरकार की बन गई है बहादुरीः महुआ मोईत्रा

संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस चल रही है, जिसमें विपक्ष सरकार पर बुरी तरह हमलावर है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने 'घृणा और कट्टरता' को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया...

किसान परेड में हंगामाः मुख्य उपद्रवी दीप सिद्धू के नाम से मीडिया को परहेज

किसाान आंदोलन के खिलाफ बिल्कुल शुरू से ही दुष्प्रचार फैला रही गोदी मीडिया को कल मानो मुंह मांगी मुराद मिल गई हो। आईटीओ से लाल किले तक दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना के नेतृत्व में उपद्रवियों का समूह...

तबलीगी जमात मामला: सरकार और मीडिया के गाल पर तमाचा है दिल्ली की अदालत का फैसला

अब दिल्ली की भी एक अदालत ने कोरोना फैलाने के आरोपों का सामना कर रहे तबलीगी जमात के 36 विदेशी नागरिकों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि आरोप लगाने वाली दिल्ली पुलिस कोई सबूत पेश नहीं...

कोविड वैक्सीनः मीडिया का शोर, पीएम का बयान और हकीकत

भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ पहुंचने से सिर्फ़ सात कदम की दूरी पर खड़ा है। जिस गति से कोविड-19 की सेकेंड वेब देश में बढ़नी शुरू हुई है, उसे देखते हुए कह सकते हैं कि 10-15...

क्या भारत को इंतजार है लोकतंत्र की बड़ी लड़ाई का?

इस बार संसद के शीतकालीन सत्र के नहीं होने के आसार हैं। सत्र के स्थगित होने जैसे मुद्दे को मीडिया और राजनीतिक पार्टियों ने जरूरी गंभीरता से नहीं लिया है। अगर गौर से देखें तो लोकतंत्र की नींव हिलाने...

बिहार के चुनावों में मीडियाः तमाशबीन या खिलाड़ी?

बिहार में एनडीए किसी तरह दोबारा सत्ता में आ गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को मीडिया ऐसी शाबासी दे रहा है, जैसे उन्होंने चुनाव में जीत का कोई रिकार्ड बना लिया हो। बेहिसाब पैसा, टीवी चैनलों को प्रोपैंगडा...

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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।